अप्रकाशित
अनय व रूही दोनोें बच्चें सहमें हुये एक तरफ खड़ें थे…उधर नमन व रचना दोनों एक-दूजे पर इल्ज़ाम लगा रहें थे नमन कह रहा था तुम कमाती हो इसका मतलब ये नहीं कि तुम घर पर कुछ करोगी ही नहीं…बच्चों का ध्यान रखना तुम्हारा फर्ज है…मम्मी का नहीं..!!!!
रचना बोली…सही है ना तुम काम पर जाओ तो तुम सही मैं जाऊँ तो मुझे घर में भी पूरा काम करना जरूरी…क्या हो गया जो मम्मी जी घर पर रहती है वो बच्चों का ध्यान रख लेगीं तो उन्हेंं दिक्कत नहीं है तो तुम्हें…क्या दिक्कत हैं..??
मम्मी ने बच्चों को वहाँ से ले जाना बेहतर समझा… उन्हें गुस्सा आ रहा था कि ये दोनों बच्चों के सामने क्यूँ लड़ रहें है उनपर कितना गलत असर पड़ेगा…बच्चों को खाना खिलानें की कोशिश की पर नही खाया भूखें ही सो गये…!!!!
नमन व रचना में बहुत देर तक बहस चलती रही फिर वो भी अलग-अलग कमरों में जाकर सो गये…!!!!
सुबह से वो ही रूटिन दोनों ऑफिस व बच्चें स्कूल चलें गये पर सबका मूड अभी भी खराब था…!!!!
अपने समय पर बच्चें स्कूल से आ गये गुमसुम से थे…रचना आयी और अपने कमरें में चली गयी उसका सिर दुख रहा था… नमन आया तो उसे कमरें में सोता देख फिर से गुस्सा हो गया उसने बताने कि कोशिश भी की पर वो तो फिर वही बात लेकर बैठ गया था… दोनो की फिर लड़ाई हो गई
अब तो ये रोज का हो गया था…!!!!
रोज की बहस व अनबन से आज बात तलाक तक पहुँच गयी थी….रचना के मम्मी-पापा को पता चला तो वो भी आ गयें मम्मीजी व उन्होनें बहुत समझाने की कोशिश की पर दोनो का अंहकार आज उनकों अपनें मासूम बच्चों से बड़ा हो गया था….बेचारे बच्चों का क्या कसूर था उन्हें किस बात की सजा मिल रही थी…??
बात जब कोर्ट में पहुँची तो बच्चों से भी पूछा गया कि वो किसके साथ रहना चाहतें हैं तो दोनों बच्चों का रो रोकर बुरा हाल था कि हमें दोनो चाहिये….फिर नमन व रचना को भी अंदर बुलाया गया तो बच्चें अपने मम्मी-पापा से लिपट गये और बोले कि हमें आप दोनों के साथ रहना है प्लीज़ आप साथ में रहों ना ….हम किसी बात की शिकायत नहीं करेंगे…अपना सब काम खुद कर लेंगे…दादी की भी हेल्प करेगें…आपको भी कभी तंग नहीं करेगें…पर….हम सब साथ रहेगें…!!!!
बच्चों की बातें व ऐसे रोता देख वहाँ पर वकील व जज साहब की आँखों आँसू आ गये थे…नमन व रचना दोनों फूटफूट कर रो रहें थे… बच्चों को बोल रहें थे कि हम कभी अलग नहीं होगें सब साथ रहेंगे …!!!!
जज साहब बोले कि बहुत से केस देखें पर आज बच्चों के प्यार ने आप दोनों के अंहकार को हरा दिया….सच ही तो था आज प्यार से अंहकार हारा था….बच्चों ने अपने मम्मी-पापा को जीत लिया था….!!!!
#अंहकार
गुरविंदर टूटेजा
उज्जैन (म.प्र.)