सपने सुहाने मेरे-Mukesh Kumar

यह कहानी है झारखंड के एक छोटे से शहर हजारीबाग की श्वेता की. उसके अंदर बचपन से ही एक्टिंग का कीड़ा घुसा हुआ था और उसे हीरोइन बनने का बहुत ही शौक था।  श्वेता हर बॉलीवुड की फेमस हीरोइन की नकल कर लेती थी. इसी साल उसने ग्रेजुएशन पास किया था और उसका मन था एक्टिंग कोर्स ज्वाइन करने का उसने अपनी मां से यह बात कहा उसकी  मां शारदा जी ने कहा बेटी मुझसे तो तू कह भी दी लेकिन अपनी बाबू जी से तो कहना भी मत नहीं तो खामखा घर में अशांति फैल जाएगी।

श्वेता ने अपनी मां शारदा जी को कहा मां एक बार तो तू बाबू जी से बात  करो क्या पता मान जाए। श्वेता के बार-बार आग्रह करने पर शारदा जी ने 1 दिन श्वेता के बाबूजी रामलाल जी को श्वेता के मन की बात बता दी यह सुनते ही रामलाल जी पूरी तरह से  आग बबूला हो गए और बोलने लगे सही कहा गया है लड़कियों को ज्यादा आजादी नहीं देनी चाहिए। मेरी आजादी का मतलब यह नहीं है कि जो मर्जी करो मैंने स्वेता के बचपन से वह सब कुछ सुविधा दिया  जो एक लड़के को दिया जाता है। मैंने लड़कियों को सारी आजादी दी लेकिन अब एक्टिंग स्कूल में पढ़ना और हीरोइन बनना। तुम्हें पता भी है लोगों को एक बार इस बात का पता चलेगा तो शादी करने में कितनी दिक्कत आएगी।  

रामलाल जी ने कहा श्वेता को मना कर दो इस बारे में भी सोचे भी नहीं अगर उसे कोई और कोर्स करना है कर ले  एमबीए कर ले या फिर एमसीए कर ले। इसके लिए तो मैंने कभी मना नहीं किया।

श्वेता की मम्मी ने साफ साफ शब्दों में कह दिया कि भाई तुम्हारे पिताजी इस बात के बिल्कुल ही खिलाफ है और आगे से यह एक्टिंग की बात मन से निकाल लो।  हां घर पर करती रहती हो और वह ठीक है लेकिन इसे हम कैरियर तो नहीं बना सकते हैं हम ठहरे मिडिल फैमिली के लोग तुम्हें पता है कितनी बदनामी होगी।



लेकिन श्वेता कहां मानने वाली थी एक दिन उसे अपने एक फ्रेंड ने कहा  भाई तुम अपनी एक्टिंग के छोटे-छोटे वीडियो बनाकर यूट्यूब पर एक चैनल बनाओ और उस पर अपलोड करती रहो ऐसे ही फेमस हो जाओगी।  श्वेता ने ऐसा ही करना शुरू किया वह धीरे धीरे छोटी-छोटी कहानियों की वीडियो बनाने लगी और उस वीडियो में सारे रोल खुद ही करती थी।   श्वेता के वीडियो को यूट्यूब पर अच्छा रेस्पोंस मिलने लगे। लोग उसको पसंद करने लगे।

1 दिन श्वेता के गांव से चाचा आए और उन्होंने श्वेता की शादी ठीक कर दिया ऐसा उसके पिताजी से बताया  और उसके चाचा ने श्वेता के बाबूजी से बोले। भैया मैंने लड़का देख लिया है बहुत अच्छा लड़का है रांची में सरकारी जॉब करता है आप भी एक बार चलकर चाहो तो देख लो।

श्वेता के बाबूजी बोले भाई तुमने जब पसंद कर लिया तो मुझे देखने की क्या जरूरत है आखिर श्वेता भी तो तुम्हारी बेटी है उनको बस लड़की देखने के लिए बुला लो।

कुछ दिनों के बाद ही लड़के वाले श्वेता को देखने के लिए हजारीबाग आ गए थे    श्वेता लड़कों वालों के बीच में बैठी हुई थी और लड़के वाले उन से प्रश्न कर रहे थे तभी श्वेता की होने वाली ननद ने बोला भाभी पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगता है कि मैंने आपको पहले भी कहीं देखा है।  तभी उसकी ननद को अचानक से याद आया अरे इनको तो मैंने यूट्यूब पर वीडियो में देखा है और उसने यूट्यूब से वीडियो सर्च करके दिखाया भाभी आप ही हो ना ये।

श्वेता ने हां में सर हिला दिया था सबने वीडियो देखा और श्वेता के ससुराल वालों बड़े खुश हुए और कहां हमें तो पता ही नहीं था कि हमारी होने वाली बहू इतनी गुणवंती है यह तो बहुत अच्छा एक्टिंग करती है इसके वीडियो तो उसके सास ने कहा कि मैं अक्सर देखा करती हूं और बहुत ही अच्छा मैसेज देती है अपनी वीडियो में अब तो हमें अपनी बहु में कुछ देखने और पूछने की जरूरत ही नहीं है।



श्वेता की शादी 10 लाख नकद और  एक मोटरसाइकिल की दहेज पर तय हो गई थी।   लड़के वाले शाम को सब अपने घर वापस लौट गए थे।  लड़के वाले के जाते ही श्वेता के बाबूजी राम लाल श्वेता के पास आए और उसने कहा बेटी मुझे भी तुम पर गर्व है जिस चीज को मैं तुम्हारी कमी समझ रहा था आज तुम्हारी उसी खासियत के कारण लड़के वाले ने तुम्हें पसंद किया मुझे तुम पर गर्व है कि तुमने अपने शौक को मरने नहीं दिया।

धीरे-धीरे श्वेता की शादी के दिन नजदीक आ रहा था घर में खरीदारी शुरु हो चुका था और लड़कों वालों को भी पैसा देना था तो 1 दिन रामलाल जी ने बैंक से ₹5 लाख  कैश निकाल कर आ रहे थे तभी कुछ चोर उनका बैग छीन कर भाग गए वह चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया वह तुरंत नजदीकी थाने में जाकर FIR किया लेकिन FIR करने से भी क्या होगा पुलिस वाले बोले ठीक है हम जांच करेंगे।

रामलाल घर आए तो किसी से बात नहीं कर रहे थे चुपचाप थे यह बात कहे तो कैसे कहे 5 लाख कोई कम नहीं होता है बिटिया की शादी बहुत जल्दी ही होने वाली है इतने पैसे का अचानक से फिर कहां से जुगाड़ करेंगे।  रामलाल जी को उदास देखकर श्वेता की मां ने पूछा क्या बात हो गई जी आप इतना उदास क्यों है और हां आप तो कह रहे थे कि बैंक जाना है पैसे निकालने के लिए पैसे कहां है। यह बात सुनकर रामलाल जी अपनी पत्नी के सामने ही रोने लग गए और अपनी सारी आपबीती बताई।  शारदा जी भी यह बात सुनकर सदमे में आ गई 5 लाख कोई कम नहीं होता है। मां बाबूजी को रोते देख श्वेता भी वहां पहुंच गई और उसे भी पता चला कि बाबूजी के हाथ से आज 5 लाख चोरों ने छीन लिया है।

जहां शादी की तैयारी चल रही थी सब  खुश थे अब उस घर में खुशियां मातम के रूप में बदल गई थी क्योंकि शादी पैसों से ही तो होना था।  रोजाना शाम को श्वेता के होने वाले पति अविनाश का फोन जरूर आता था आज अविनाश फोन पर बात कर रहा था तो श्वेता कुछ ज्यादा नहीं बोल रही थी सिर्फ हां हां में जवाब दे रही थी।  अविनाश समझ गया कि श्वेता जरूर कुछ उदास है उसने पूछा लेकिन श्वेता बता नहीं रही थी उसने अपनी कसम दी। तुम सच-सच बताओ कुछ बात हुई है क्या।



श्वेता ने अविनाश से बाबूजी के पैसे चोरी वाली बात बता दी और यह भी बताया कि अब हम इतना जल्दी इतने पैसे का जुगाड़ कैसे करेंगे शायद अब हमारी शादी ना भी हो क्योंकि तुम्हारे घरवाले तो मानेंगे नहीं और मेरे बाबूजी इतने पैसे अचानक से कहां से लाएंगे।  अविनाश बोला “तुम्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है मैं अपने घरवालों से बात करूंगा।”

अविनाश ने अपने घर वालों से इस संबंध में बात की तो अविनाश के बाबूजी बोले अरे इतनी छोटी बात के लिए श्वेता के घर वाले परेशान हैं कोई बात नहीं हम शादी में कम खर्चा कर लेंगे और या तो खर्चा आधा-आधा कर लेंगे मैं कल ही श्वेता के बाबू जी रामलाल जी से जाकर मिलता हूं और उनसे बोलता हूं कि हमें नहीं चाहिए।  जितना आपके पास पैसा है आप उतना ही हमें दे दीजिएगा। अविनाश को भी अपने बाबूजी पर गर्व हो रहा था । अविनाश की मां बोली कि हम पैसे के लिए इतनी अच्छी बहू को नहीं खो सकते हैं। पैसों का क्या आज है कल नहीं है और हमें बहू चाहिए पैसा नहीं वह तो एक रस्म है जो हम निभा रहे थे।

अविनाश की मां भी बोली अविनाश के बाबूजी आप कल ही चले जाइए रामलाल जी के यहां और उनको साफ शब्दों में कह दीजिए कि आपके पास जितना पैसा है आप उतना ही दीजिएगा और शादी का खर्चा हम दोनों आधे-आधे कर लेंगे।

अविनाश ने तुरंत फोन करके श्वेता को बताया कल  मेरे बाबूजी तुम्हारे बाबूजी से मिलने वाले हैं और और तुम इसकी चिंता ना करो बाबू जी ने साफ कहा है कि तुम्हारे बाबूजी के पास जितना पैसा हो उतना ही वह हमें दे हमें ज्यादा की जरूरत नहीं है।  अविनाश की बातें सुन श्वेता को भी अविनाश पर गर्व हो रहा था कि अविनाश उसका होने वाला पति है जो उसको अभी से समझता है और उसके घर वालों को भी। श्वेता ने जब यह बात अपने माँ-बाबू जी को बताई तो सब लोग अविनाश के घर वालों को धन्यवाद कहा और अगले दिन अविनाश के बाबूजी के आने का इंतजार करने लगे।



रांची से हजारीबाग 3 घंटे का ही रास्ता है तो सुबह-सुबह अविनाश के बाबूजी श्वेता के घर पहुंच गए थे घर पहुंचते ही श्वेता  के घर वालों ने अविनाश के बाबूजी को बहुत ही अच्छी तरह से स्वागत किया। अविनाश के बाबु जी ने रामलाल जी से कहा समधी जी अगर आपके परिवार पर कोई मुश्किल आती है तो आप हमें डायरेक्ट बताइए आप हमें गैर ना समझें आखिर हम रिश्तेदार हैं हम एक दूसरे के काम नहीं आएंगे तो कौन आएगा।  यह तो अविनाश ने हमें बताया।

श्वेता के बाबूजी बोले आप भी अपने शादी की तैयारियों में व्यस्त होंगे हमने सोचा आप को कैसे यह बात कहे कहीं आपको यह ना लगे कि हम दहेज देने की वजह से झूठ बोल रहे हैं।  अविनाश के बाबू जी ने कहा भाई साहब आप एक बार हमसे बात तो करते पैसा नहीं है तो क्या हो गया हम शादी बिल्कुल ही सादे समारोह में कर लेंगे। आप चिंता ना करें और बारात और शादी का जो भी खर्चा होगा वह हम आधा-आधा कर लेंगे। श्वेता के बाबूजी ने अविनाश के बाबूजी को धन्यवाद कहा और यह भी कहा कि आप बिल्कुल ही बेफिक्र रहिए बारात का स्वागत बहुत ही बढ़िया होगा।

अविनाश के बाबूजी ने एक बात और बताया रामलाल जी अब  अब हम दोनों समधी बन गए हैं क्या आप समधी का मतलब समझते हैं इस समधी  शब्द कैसे आया समधी का मतलब होता है सम यानि बराबर आधी मतलब आधा मतलब हर चीज आधा-आधा जब हम लड़के लड़की वाले दोनों रिश्तेदार हो गए तो हर चीज में आधा-आधा खर्चा करेंगे।



रामलाल जी अपने आप को फूले नहीं समा रहे थे कि उनकी बेटी इतने अच्छे घर में जा रही है जिसके घर वालों के संस्कार इतने अच्छे हैं।  तभी अविनाश के बाबूजी बोले भाई साहब अब मुझे विदा कीजिए और आप भी शादी की तैयारियों में लग जाइए। और आपको एक बात और बता दूँ मुझे अपनी बहू को बॉलीवुड में हीरोइन बनाना है शादी के बाद मैं इसकी ऍडमिशन रांची में ही एक बहुत अच्छा एक्टिंग स्कूल है उसमें करवा दूंगा और इसको जो करना है करें क्योंकि हमारे घर में लड़के और लड़कियां  या बहुएं हो सब बराबर हैं।

अविनाश के बाबूजी के जाते ही श्वेता ने अविनाश को फोन लगाया और उसको धन्यवाद बोला।  अविनाश बोला “इसमें धन्यवाद वाली क्या बात है तू मेरी होने वाली पत्नी है अगर मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोच लूंगा तो और कौन सोचेगा।”

दोस्तों आज हमारे समाज में दहेज इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उसे एक रस्म बना दिया गया है अगर आप नहीं लेते हो तो आप में ही कमी देखी जाती है कि लड़का इतना ज्यादा पढ़ा लिखा है इतना अच्छा नौकरी करता है फिर  दहेज क्यों नहीं ले रहे हैं लेकिन ऐसी कुछ बात नहीं है अगर आप अपने मन में ठान लेंगे कि हमें दहेज नहीं लेना है तो आप इस कुप्रथा को बहुत जल्द ही समाप्त कर देंगे लेकिन यह जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है। कहना अलग बात है लेकिन जमीन पर इसे लागू करना अलग बात है।  यह मेरा अपना निजी अनुभव है।

Copyright:Mukesh Kumar

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