संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सभी देवी-देवताओं के ऊपर भारी संकट आ गया | जब वह खुद उस संकट का समाधान नहीं निकाल पाए तो भगवान शिव के पास मदद मांगने के लिए गए | भगवान शिव ने गणेश जी और कार्तिकेय से संकट का समाधान करने के लिए कहा तो दोनों भाइयों ने कहा कि वे आसानी से इसका समाधान कर लेंगे | इस प्रकार शिवजी दुविधा में आ गए | उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी का चक्कर लगाकर जो सबसे पहले मेरे पास आएगा वही समाधान करने जाएगा |

भगवान कार्तिकेय बिना किसी देर किए अपने वाहन मोर पर सवार होकर पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए निकल गए | वहीं गणेश जी के पास मूषक की सवारी थी | ऐसे में मोर की तुलना में मूषक का जल्दी परिक्रमा करना संभव नहीं था | तब उन्होंने बड़ी चतुराई से पृथ्वी का चक्कर ना लगाकर अपने स्थान पर खड़े होकर माता पार्वती और भगवान शिव की 7 परिक्रमा की | जब महादेव ने गणेश जी से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो इस पर गणेश जी बोले माता पिता के चरणों में ही पूरा संसार होता है |

इस वजह से मैंने आपकी परिक्रमा की | यह उत्तर सुनकर भगवान शिव और माता पार्वती बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने देवताओं का संकट दूर करने के लिए गणेश जी को चुना | इसी के साथ भगवान शिव ने गणेश जी को यह आशीर्वाद भी दिया कि जो भी चतुर्थी के दिन गणेश पूजन कर चंद्रमा को जल अर्पित करेगा उसके सभी दुख दूर हो जाएंगे | साथ ही पापों का नाश होगा और सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी | 

संकष्टी चतुर्थी व्रत करने की पूजा विधि क्या है?

  • सुबह आप नित क्रिया के बाद धुले लाल वस्त्र पहने क्योंकि इस दिन लाल कपड़े पहना बहुत ही शुभ माना जाता है |  
  • पूजा करते समय ध्यान रखें कि आपका मुंह पूर्व दिशा की तरफ हो | 
  • फिर चौकी ले उस पर आप पीला कपड़ा बिछा दे और गणेश की फोटो उस पर रखे | 


  • पूजा के स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें | 
  • गणेश जी को आप फूलों से जल चढ़ाये | 
  • फिर आप गणेश जी की पूजा करें | 
  • लाल रंग के फूल, जनेऊ, पान सुपारी, लौंग, इलायची और मिठाई अर्पित करें | 
  • फिर आप गणेश जी को धूपबत्ती करें | 
  • भोग में गणेश जी को मोदक और तिल के लड्डू चढ़ाये | 
  • पूजा करते समय आप गणेश जी के ऊं गणपते नम: मंत्र  का जाप जरूर करें | 
  • फिर आप व्रत की कथा पढ़ना आरभ करें | 


  • कथा के बाद आप गणेश जी की आरती करें |

संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से क्या लाभ होता है?

  • आप कोई भी पूजा करें या कोई शुभ कार्य करें उसमें सबसे पहले गणेश पूजन अवश्य करें |
  • गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के संकट दूर करते है | 
  • इस व्रत को करने से गणेश जी आपकी सभी मनोकामनाएं  पूरी करते हैं | 
  • यदि इस दिन आप  गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए विधि पूर्वक उनकी पूजा और व्रत करते है तो आपको  यश, धन, वैभव और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है | 
  • हर तरह के कार्यों की बाधा दूर होती है | 
  • इस व्रत को करने से धन तथा कर्ज सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं | 
  • व्रत करने से आपके परिवार में सुख समृद्धि आती है | 
  • गणेश व्रत करने से बुद्धि में बढ़ोतरी होती है।
  • इस व्रत को करने से आप हमेशा प्रसन्न रहते हैं |

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