नाम में क्या रखा है-Mukesh Kumar

 

पूनम बैंक में क्लर्क की नौकरी करती थी और आज संडे का दिन था तो अपनी पसंद का पालक के पकोड़े बना रही थी।  क्योंकि बाकी दिन सुबह-सुबह इतना समय नहीं मिलता था कि वह कुछ बना सकें। रोजाना सुबह नाश्ता और दोपहर के लिए खाना भी बनाना होता था और फिर उसे बैंक भी जाना होता था।

पूनम की सास तो थी लेकिन वह भी बूढ़ी हो चुकी थीं इसलिए उन्हें सही तरीके से खड़ा नहीं होया जाता था उन्हे गठिया का प्रॉब्लम था।  लेकिन उनसे जो भी होता था कर देती थी यानी कि सब्जी काट देती थी चावल बिन देती थी।

पूनम पकोड़े जैसे ही तल  रही थी तभी उसका फोन बजा और उसने फोन उठाया तो उधर से आवाज आई।  मैडम क्या आप पूनम अग्रवाल बात कर रही हैं, पूनम ने बोला हां जी बताइए,  उधर से आवाज आई मैं डिलीवरी ब्वॉय रमेश बात कर रहा हूं आपका एक कुरियर है।  क्या आप मुझे रास्ता बताएंगी, मैं गर्ग किराने का दुकान है वहां पर खड़ा हूं।  पूनम ने बताया दुकान से 3 गली छोड़कर लास्ट वाला मकान A-244 हमारा है।



थोड़ी देर के बाद डिलीवरी ब्वॉय पूनम के दरवाजे पर पहुंचा और उसने दरवाजे का बेल बजाया तो पूनम के ससुर ने दरवाजा खोला और डिलीवरी बॉय के देखते हुए बोला हां भाई बताओ क्या बात है।  डिलीवरी ब्वॉय ने बोला अंकल क्या पूनम अग्रवाल यहीं पर रहती हैं। पूनम के ससुर ने बोला नहीं भाई यहां कोई पूनम अग्रवाल नहीं रहती हैं। हां लेकिन पूनम गुप्ता जरूर रहती हैं। डिलीवरी ब्वॉय बोला नहीं कुरियर पूनम अग्रवाल के नाम से है अगर कोई पूनम अग्रवाल आपके यहां रहती हैं तो प्लीज उन्हें बाहर बुला ले।  पूनम के ससुर दोबारा बोले भाई मैंने तुमको बताया न कि यहां पूनम अग्रवाल नाम से कोई भी लड़की नहीं रहती है तुम गलत पते पर आए हो।

 दरवाजे के बाहर से डिलीवरी ब्वॉय ने दोबारा से पूनम को कॉल लगाया और बोला मैडम मैं दरवाजे के बाहर खड़ा हूं लेकिन यहां पर एक अंकल खड़े हैं वह तो कह रहे कि यहां पर पूनम अग्रवाल नाम की कोई लड़की नहीं रहती है।  पूनम बोली तुम वहीं पर खड़े रहो मैं अभी आती हूं। पूनम बाहर निकल कर अपना कुरियर पकड़ी और अंदर आ गई तभी उसके ससुर जी बोले बेटी तुम्हारा नाम तो पूनम गुप्ता है फिर वह तुम्हें पूनम अग्रवाल क्यों बुला रहा था।

पूनम बोल पापा जी  मेरा नाम पूनम अग्रवाल ही है पूनम गुप्ता नहीं पूनम के ससुर बोले बहू तुम्हारा नाम तो पूनम   गुप्ता हैं। पूनम बोली पापा आप सही कह रहे हैं हम गुप्ता हैं लेकिन शादी से पहले मेरा नाम पूनम अग्रवाल था इस वजह से मेरे हर आईडी में सब जगह अग्रवाल  है क्योंकि मेरे पापा का टाइटल अग्रवाल है इसलिए सब जगह पूनम अग्रवाल लिखा हुआ है शादी के बाद मैं टाइटल चेंज करवा लूंगी।



पूनम के ससुर बोले करवा दूंगी का क्या मतलब है इतने दिन हो गए और तुमने अभी तक करवाया नहीं।  पूनम बोली करवा दूंगी पापा इसमें कौन सी बड़ी बात है। नाम में क्या रखा है पूनम गुप्ता कहे या पूनम अग्रवाल कहें हूँ तो मैं ही।

पूनम के ससुर बोले बहुत कुछ रखा है बेटी नाम हमारी पहचान है और इसी से हमारी समाज में  पहचान होता है।

पूनम अपने ससुर से ज्यादा नहीं उलझते हुए सॉरी बोली और बोली कि पापा ठीक है आप पहले गरम-गरम पकोड़े लाती हूं खाइए मैं अपना नाम चेंज करवा लूंगी।

कुछ दिनों के बाद ही पूनम ने अपना नाम सब जगह चेंज करवाकर पूनम अग्रवाल गुप्ता करवा लिया था और अगले दिन वह उसे न्यूज़ पेपर में पब्लिकली निकलवाना चाहती थी तो उसने अपने पापा को दिखाया पापा यह देखिए मैंने नाम चेंज करा लिया है और यह मैं अखबार में निकलवाने जा रही हूं कि आज से मेरा नाम पूनम अग्रवाल गुप्ता है।

पूनम के ससुर बोले यह कैसा नाम है पूनम अग्रवाल गुप्ता।  अग्रवाल हटाओ पूनम गुप्ता रखो।

इस पर पूनम को बहुत बुरा लगा और अपने ससुर से कहा पापा जी मैं अपने नाम के आगे से अग्रवाल तो हटा लूंगी लेकिन जो अग्रवाल का खून मेरे जिस्म में बसा हुआ है वह कैसे हटा पाऊंगी आज मेरी पहचान अग्रवाल से ही है आज मैं जो कुछ भी हूं मम्मी और पापा के मेहनत का नतीजा है।  नहीं तो बेटी होकर कौन इतना पढ़ाता है मुझे वह हर कुछ मेरे पापा ने दिया जो एक बेटे को मिलता है इसलिए मैं अपने पापा का नाम अपने नाम से अलग कैसे कर सकती हूं हां इतना मैं जरूर कर सकती हूं कि आपका नाम भी अपने नाम के आगे जोड़ सकती हूं।



तभी पूनम का पति राजेश वहां आ गया और अपने पापा से बोला पापा आप भी फिजूल की बातों में पड़े हैं सही तो कह रही है आखिर आज बैंक में नौकरी करती है तो अपने मम्मी पापा की वजह से ही करती है ना कि हमारी वजह से हमने तो इसे बहू इसीलिए बनाया की ये  नौकरी करती है और एक समझदार लड़की है तो हम इसके नाम से इसके पापा के नाम को अलग कैसे कर सकते हैं। हमें तो फक्र होनी चाहिए ऐसी लड़की पर जो दोनों परिवारों के मान-सम्मान को बरकरार रखना चाहती है।

पूनम के ससुर को यह बात समझ आ गई थी और उसने अपने बहू को गले लगाया और कहा हमें भी गर्व है बहू, तुम पर जो तुम दोनों परिवारों के मान-सम्मान को जिंदा रखना चाहती हो।

दोस्तों आजकल कई परिवारों में ऐसा देखा गया है कि लड़की के शादी होते ही उसके नाम को उसके नाम से अलग कर दिया जाता है और अपना नाम उसके नाम के आगे रख दिया जाता है लेकिन अगर लड़की की इच्छा ना हो तो जबरदस्ती ऐसा ना करें क्योंकि एक लड़की की पहचान उसके मां-बाप से होती है बाद में उसके ससुराल और उसके पति से।

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