शिकवा भी है शिकायत भी है-Mukesh Kumar

कोमल और राजेश  वरमाला हाथ में लिए स्टेज पर खड़े थे लेकिन कोमल का हाथ कांप रहा था वह कैसे राजेश के गले में यह वरमाला डालेगी।  वह सोच रही थी जिसे वह जानती तक नहीं है उसे इस वरमाला को डालने के साथ ही उम्र भर के लिए राजेश उसका हो जाएगा। कोमल जिस से बेहद प्यार करती थी। 

आज उसे छोड़ना पड़ा है कितना बेबस हो गई थी वह अपने मां बाप के प्यार के खातिर काश उसके मां-बाप उसकी भावनाओं को समझ पाते ना जाने क्या दिखा मेरे माँ-बाप को राजेश में जो संतोष को ठुकरा दिया यही ना कि वह राजेश जितना कमाता नहीं था लेकिन मैं उससे प्यार करती हूं बहुत ज्यादा ही अपने से भी ज्यादा।  मेरे घर वालों ने एक पल के लिए भी नहीं सोचा कि मेरे दिल पर क्या बीतेगी।

वरमाला का रस्म खत्म होते ही कुछ देर के बाद ही सिंदूर दान और सात फेरे हुए और पंडित जी ने कहा कि “आज से आप दोनों लोग पति-पत्नी हुए और यह विवाह संपन्न हुआ।  भगवान आपकी जोड़ी को सात जन्मो तक ऐसे ही बरकरार रखें।”

 पंडित जी की आवाज पर कोमल सोच रही थी पंडित जी आप चाहे जो भी कह  ले यह जोड़ी इस जन्म भी टिक जाए तो कहना क्योंकि मेरे लिए यह शादी नहीं एक समझौता है लेकिन कोमल अब कर काय सकती थी चुपचाप देखती रही और सुबह होते ही मायके से विदा होकर ससुराल में पहुंच गई।



ससुराल आते ही कोमल को सब ने बहुत ही प्यार से स्वागत किया।  दिन भर ससुराल में कोमल की तारीफ होती रही। इतनी सुंदर बहु किस्मत वाले को ही मिलती है।  शाम होते ही राजेश की बड़ी भाभी ने कमरे के अंदर राजेश को धकेल कर बाहर से दरवाजा लॉक कर दिया।  अंदर आकर राजेश ने भी अंदर से दरवाजा लॉक कर दिया।

राजेश वैसे तो बहुत खूबसूरत था देखने में कोई भी लड़की उसे देखें तो मना नहीं कर सकती थी लेकिन जब किसी से प्यार हो जाए तो फिर खूबसूरती क्या चीज है कोमल के लिए राजेश  में कुछ भी अच्छा नहीं दिख रहा था उसे तो सिर्फ संतोष की याद आ रही थी।

राजेश अपने साथ एक बड़ा सा तोहफा भी लेकर आया था। राजेश भी कुछ बोला नहीं बस चुपचाप बैठा रहा और मैं भी चुपचाप बैठी रही।   थोड़ी देर बाद मैं वॉशरूम चली गई वहां से बाहर निकली तो बिस्तर पर देखा कि अच्छा सा नाइट सूट रखा हुआ था। मैंने राजेश से पूछा यह नाइट सूट किसने रखा यहां पर, तो राजेश ने बोला कि भाभी ने दिया था  तुम्हें रात में कपड़े बदलने के लिए।

 देखो राजेश मैं कोई दूध पीती बच्ची नहीं हूं मैं मायके से अपने साथ अपनी नाईट सूट भी लेकर आई हूं।  तुम मेरी ज्यादा फिकर ना करो तो ही अच्छा है मैं तुम्हें एक बार बता देना चाहती हूं कि मैं तुम्हें कभी भी अपना नहीं मान पाऊंगी क्योंकि मेरी जिंदगी में तुम से पहले ही कोई और है जिसे मैं बेहद प्यार करती हूं।

मैंने तो तुमसे शादी सिर्फ अपनी मां बाप के जिद के कारण किया क्योंकि यदि मैं तुमसे शादी नहीं करती तो मेरे पिता आत्महत्या कर लेते।



बेटी हूँ न  इसलिए मां-बाप के इज्जत का ख्याल करना पड़ा है लेकिन मैं तुम्हें गलत उम्मीदें नहीं दे सकती हूँ।  यह मैं तुम्हें भरोसा दिलाती हूं तुम्हारी सेवा सत्कार में कोई कमी नहीं होगी सुबह-सुबह तुम्हारा ऑफिस जाते वक्त नाश्ता मिल जाया करेगा।  

तुम्हारे घर वाले की भी सेवा करूंगी मतलब जो एक बहू करती है वह सब कुछ करूंगी लेकिन यह याद रखना तुम्हें मेरा प्यार कभी नहीं मिल सकता है।  क्योंकि मेरी जिंदगी में पहले से ही कोई और है और उसकी जगह मैं किसी और को नहीं लेने दूंगी। एक ही सांस में कोमल ने सारी बात कह दी। तुम समझ रहे हो ना मैं क्या कह रही हूं।  कोमल के आवाज में दर्द था, गुस्सा था। लेकिन राजेश कुछ समझ नहीं पाया सिर्फ हां में सिर हिलाया और नीचे चटाई बिछाकर सो गया।

धीरे-धीरे वक्त का पहिया घूमने लगा कोमल ने घर की सारी जिम्मेदारियां को बहुत ही अच्छी ढंग से निभाना शुरू कर दिया था मगर उसने कभी भी राजेश को अपने करीब आने नहीं दिया।  राजेश ने भी कोमल को कह दिया था कि जब तक तुम मुझे अपना नहीं मानोगी मैं तुम्हें छूना तो दूर तुम्हारी तरफ देखूंगा भी नहीं।

राजेश और कोमल की शादी के 1 साल से भी ज्यादा हो गए लेकिन उनके बीच क्या पक रहा है घर वाले को किसी को कुछ पता नहीं था।  राजेश भी ऑफिस से जानबूझकर लेट आता था क्योंकि वह जानता था कि घर आकर भी वह क्या करेगा कहने को तो कोमल उसकी पत्नी है लेकिन वह अजनबी से कम नहीं है।  अपने कमरे में आता तो देखता था कि कोमल, संतोष से घंटो तक बात करती रहती है लेकिन राजेश ने कभी भी इस चीज के लिए मना नहीं किया।



कोमल भी सोचती थी कि राजेश क्यों खामोश रहकर अपना हर फर्ज पूरा करता है अब तो कोमल के मन में भी हलचल पैदा होने लगी थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि एक पति ऐसे कैसे कर सकता है।  कैसे बर्दाश्त कर सकता है अपनी पत्नी को उसी के सामने दूसरे मर्द से बातें करते हुए।

जब कोमल ने राजेश को संतोष के बारे में बताया तब भी राजेश ने सिर्फ एक खामोश दीवार बनकर चुपचाप सुनता रहा कुछ भी नहीं बोला।  आज शादी के 1 साल होने को है लेकिन राजेश चुपचाप अपना हर फर्ज निभाता है जो एक पति का फर्ज होता है।

आमतौर पर देखा जाए तो कोई भी पति यह बर्दाश्त नहीं कर सकता है कि उसकी पत्नी किसी गैर मर्द से बात करें।  लेकिन यह कुछ भी नहीं बोलता था कभी-कभी तो मुझे लगने लगा कहीं ऐसा तो नहीं है कि राजेश के जीवन में भी कोई लड़की है इसीलिए देर रात तक घर आता है और मैं संतोष से भी बात करती हूं तो इसे कोई भी ऐतराज नहीं है।

अब पता नहीं क्यों मुझे जलन होने लगी थी मैं यह जानने की कोशिश करने लगी थी राजेश का कहीं किसी लड़की से चक्कर तो नहीं है।  

कोमल अब राजेश से बात करने की बहाना ढूंढने लगी थी लेकिन राजेश सिर्फ उतना ही जवाब देता था जितना कोमल उससे पूछती थी वह कभी भी बातचीत को लंबा नहीं चलने देता था।

एक दिन रात के 10:00 बजने वाले थे लेकिन अभी तक राजेश ऑफिस से घर नहीं लौटा था तो कोमल ने अपनी सास से जाकर पूछा कि राजेश अभी तक घर नहीं आए क्या कोई फोन आया था।  कोमल की सास ने जवाब दिया क्या तुम्हें पता नहीं है राजेश अपने ऑफिस के काम से दिल्ली 2 दिनों के लिए गया है। कोमल ने अपनी सास को बातें बदल कर कहा हां हां सही कह  कह रही है रात में वह कह तो रहे थे लेकिन पता नहीं मुझे कब नींद आ गया और मैं यह बात सुन नहीं पाई।



कोमल मन ही मन सोचने लगी कि राजेश दिल्ली चला गया है मीटिंग के लिए लेकिन मुझे एक बार भी नहीं बताया वह दिल्ली जाने वाला है ऑफिस के काम से।  हां लेकिन वह बताता भी तो कैसे मैं ने ही तो उसे कुछ भी बताने का हक छीन लिया है मैंने ही तो बोल दिया है कि तुम सिर्फ दुनिया के नजर में मेरे पति हो मेरे नजर में सिर्फ राजेश हो।  कोमल अपने आप से बातें करके बैडरूम पर लेटी हुई थी उस दिन कोमल का समय नहीं कट रहा था ऐसा लग रहा था राते कितनी लंबी होगई है या यूं कहें तो राजेश की गैरमौजूदगी उसे बहुत ही खल रही थी उसकी नजर बेड के नीचे पड़ी जहां पर राजेश अपनी चटाई बिछाकर सोता था।

मगर आज वह हिस्सा बिल्कुल ही खाली खाली सा लग रहा था एक बेचैनी का एहसास हो रहा था यह क्या हो रहा है मुझे जिसकी तरफ मैंने कभी प्यार से देखा तक नहीं उसके लिए इतनी बेचैनी क्यों।  शायद यह संतोष से दूर होने की वजह से हो रहा है संतोष मुझसे दूर है इस वजह से मैं शायद राजेश की तरफ खींची जा रही हूं।

 कोमल, संतोष को भी फोन लगा रही थी लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। कोमल ने संतोष के दूसरे नंबर पर भी फोन ट्राई किया है लेकिन वह भी स्विच ऑफ आ रहा था अगले दिन भी स्विच ऑफ आ रहा था कोमल बिल्कुल ही उदास हो गई थी।

संतोष ने अपना फोन स्विच ऑफ क्यों कर रखा है पहले तो रात के 9:00 बजते ही उसका खुद कॉल आ जाता था आज 2 दिन हो गया उसका फोन ही स्विच ऑफ है कोमल डर गई थी।  उसका मन नहीं लग रहा था तो उसने सोचा कि आज राजेश जी घर पर नहीं है राजेश की अलमारी चेक करती हूं देखती हूं राजेश का कहीं किसी लड़की से चक्कर तो नहीं है कोई तो सुराग मिलेगा।  

वह जैसे ही अलमारी के कपड़े हटा रही थी वहां पर एक डायरी मिली जिसमे  ऊपर ही एक पेंटिंग बनी हुई थी। अरे यह क्या यह तो मेरी पेंटिंग है आखिर राजेश ने यह बनाया कब।  और डायरी के अंदर मेरी शादी होने के बाद से अब तक की जितनी भी फिलिंग राजेश के मन में था वह सब कुछ इस डायरी में उसने लिख दिया था।



डायरी के पहले पन्ने पर ही लिखा हुआ था “आज का दिन मेरे लिए बहुत ही खास है क्योंकि आज मेरी शादी इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की कोमल  से हुई है। आज से पहले मैं अकेला था लेकिन आज एक माइनस प्लस में बादल गया है।

जब मैं ऑफिस से घर आया तो मां ने मुझे जब कोमल की तस्वीर दिखाई तो मैंने पहली नजर में ही मन ही मन कोमल को अपनी पत्नी बना चुका था क्योंकि कोमल ने पहली नजर में ही मेरे दिल को चुरा ले गई थी।  हमारी शादी इतनी जल्दबाजी में हो गई कि हमने कभी भी एक दूसरे से फोन पर बात ही नहीं किया और ना एक दूसरे के बारे में जानने की कोशिश की सच कहूं तो मुझे मेरी मां पर भरोसा था क्योंकि उन्होंने अब तक मेरे लिए जो किया अच्छा ही किया और आगे भी अच्छा ही करेंगी।

सुहागरात के दिन जब मैंने कोमल के पेंटिंग बनाने को सोच रहा था तो सोचा अगर देखकर पेंटिंग करूंगा तो कोमल कहीं जग जाएगी तो गलत सोचेगी फिर मैंने अपनी आंखें बंद करी और अपने मन में जो तस्वीर कोमल की देखी और पेंट ब्रश  अपने आप चलने लगा।

मुझे समझ आ गया था कि मुझे भी कोमल से प्यार हो गया है लेकिन पता नहीं कोमल को यह अहसास कब होगा कि उसे भी मुझसे प्यार है।  मुझे लगता है कोमल को अपने अतीत को जितना जल्दी भूल सके और अपने वर्तमान को अपना ले उसी में उसकी भलाई है लेकिन मैं यह बात कोमल से नहीं कह सकता हूं।

आज सच में मुझे राजेश पर प्यार आने लगा था मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस राजेश के बारे में मैं इतना गलत सोचती हूं मैं उसे कभी भी अपने आसपास भटकने नहीं दिया वह मुझे कितना प्यार करता है।  लेकिन मैं भी मजबूर हूं अपने प्यार के हाथों में संतोष से बहुत प्यार करती हूं मैं अपना प्यार बांटना नहीं चाहती हूं।



सुबह मैं सोकर उठी तो मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया हुआ था वह मैसेज था संतोष का और संतोष ने एक तस्वीर भी भेजी हुई थी।  जिसमें लिखा हुआ था कोमल मुझे माफ कर देना मैं भी तुमसे बहुत प्यार ल्करता हूँ लेकिन अब तुम्हारी शादी हो चुकी है।

इस वजह से तुम भी अपनी नई दुनिया में खो जाओ क्योंकि मैंने भी शादी कर ली है और मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी वजह से तुम्हारी जिंदगी में भूचाल आए और ना ही तुम्हारी वजह से मेरी जिंदगी में इसलिए आज के बाद तुम मुझे भूल जाओ तो ही अच्छा है।

आज मेरे जीवन का सबसे दुखद पल था क्योंकि आज मेरे सारे सपने टूट कर बिखर गए थे जब संतोष का मैसेज पढ़ा कि उसने शादी कर ली है एक पल को तो मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई लेकिन अगले ही पल मैंने खुद को संभाल लिया।  मैं छत पर जाकर खूब रोई जिसके लिए आज तक मैंने अपने पति राजेश को इग्नोर किया वही मुझे छोड़कर किसी और से शादी कर लिया बड़ी आसानी से कह दिया कि तुम मुझे भूल जाओ। बड़ी मुश्किल से मैं खुद को संभाल रही हूं सिर्फ इस बात पर एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा  औरत हूं ना आखिरी सांस तक उम्मीद कैसे छोड़ सकती हूँ।

आज मुझे अपने आप पर बहुत ही दुख हो रहा था कि जिस लड़के के लिए मैंने अपने पति राजेश का इतने दिनों से दिल दुखा रही थी वह मुझे छोड़कर किसी और से शादी कर लिया।  ना मैं एक अच्छा प्रेमीका बन पाई और ना ही एक अच्छी पत्नी।

क्यों किया संतोष तुमने ऐसा जब तुम्हें अपनी जिंदगी में आगे ही बढ़ना था तो कम से कम एक बार मुझे बता तो दिया होता इतने दिन से धोखा क्यों दे रहे थे मुझे।  जिसके लिए मैंने दिलों जान लुटाया उस ने ही आज धोखा दे गया। कोमल ने अपनी आँसू पोछी और अपने पति राजेश का इंतजार करने लगी ।



तभी डोर बेल की आवाज सुनकर कोमल ने दरवाजा खोला तो सामने राजेश खड़ा था।  आप? आप इतनी जल्दी वापस आ गए? आप तो कल आने वाले थे? कोमल ने आश्चर्य से पूछा।  

सारे सवाल क्या  दरवाजे पर ही करोगी अंदर तो आने दो राजेश ने घर के अंदर आते हुए बोला। आप बैठिए मैं पानी लाती हूं। मां और बाबू जी घर पर नहीं है पड़ोस में  किसी के घर पर श्रीमद् भागवत कथा हो रहा है उसी में गए हुए हैं।

राजेश बोला रुको कोमल मुझे कुछ नहीं चाहिए मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।  कोमल बोली नहीं । पहले मुझे आपसे बात करनी है देखिए मैंने अब तक आपको कितना हर्ट किया है और आज मुझे वही संतोष  धोखा देकर चला गया मैं अपनी हर गलती के लिए आपसे माफी मांगना चाहती हूं और अपने रिश्ते को एक नया मौका देना चाहती हूं।  आपकी इजाज़त हो तो आज से खुद को आप को सौंपन चाहती हूँ क्या आप मुझे अपना पाएंगे।

 अपनी पत्नी के मुख से ऐसी बातें सुनकर राजेश को खुशी का ठिकाना नहीं था वह मुस्कुराते हुए बोला सच कहा गया है इंतजार का फल मीठा होता है और वही हुआ मुझे भरोसा था अपने प्यार पर एक दिन तुम मुझे जरूर अपना लोगी।

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