क्या यह धोखा था  – मीनाक्षी सिंह

सुधीर जी फौज में थे ! लंबे चौड़े कद के ,बहुत ही सुन्दर नैंन नक्श और शरीर से भी काफी गरिष्ठ ! कुल मिलाकर कोई भी देखें तो नजर चेहरे से हटने का नाम ना ले ! उमा जी से 21 वर्ष की उम्र में ही विवाह के बंधन में बंध गए ! छह सालों में तीन बच्चों के पिता बन गए ! उमा जी बच्चों और घर गृहस्थी में रम गयी !

फौज के आदमी को तो वैसे भी फौज बूढ़ा नही होने देती ! सुधीर जी का तबादला वडोदरा हो गया ! बेचारी उमा जी उनके साथ नहीं जा पायी ! सास ससुर उम्रदराज हो गए थे तो उन्ही के पास रुकना उचित समझा ! सुधीर जी घर परिवार से दूर आकर खुद को आजाद महसूस करने लगे !

सुधीर जी की ड्यूटी नागपंचमी पर मंदिर की सुरक्षा की लगी ! मंदिर पर एक बड़ी सी गाड़ी रुकी ! सबकी नजर उसी तरफ गयी ! गाड़ी में से जींस, टी – शर्ट पहने ,खुले स्टेप कटे बालों की गोरी सी लम्बी मैडम निकली ! बला की खूबसूरत थी ! उनका ड्राईवर उनकी पूजा की थाली लिए उनके पीछे चल रहा था ! सभी लोगों क ध्यान पूजा की तरफ कम मैडम की तरफ ज्यादा था ! सुधीर जी भी उन्ही को देख रहे थे ! सुधीर जी ने ही उन मैडम को टीका लगाया ! मैडम जी ने भी सुधीर जी को हसरत भरी निगाहों से देखा !  जैसे ही मैडम पूजा करने के लिए आगे बढ़ी ! बड़े से नाग देवता उनके आगे फन फैलाकर खड़े हो गए ! मैडम जी की डर के मारे आवाज भी नहीं निकल रही थी ! तभी जोर से मैडम जी चीखी ,,समवन प्लीज हेल्प मी ! ही बाईट मी !

सुधीर जी ने आकर झटके से नाग देवता को हाथ से उठाकर जंगल की तरफ फेंक दिया ! मैडम जी ने सुधीर जी का  हाथ पकड़ लिया ,,वैरी नाइस ,,यू आर ऐ ब्रेव मेन ! आई लाइक इट !

उस दिन से रोज मैडम जी मंदिर आने लगी ! सुधीर जी की ड्यूटी वही लगी हुई थी दो महीने के लिए ! एक दिन मैडम जी ने सुधीर जी को अपनी तरफ बुलाया ,,और बोली ,,सुधीर आर यू मारीड !

सुधीर जी कुछ बोलते उस से पहले ही उनके दोस्त बोल पड़े – नो नो ,ही इज सिंगल मैम !

मैडम जी चहकती हुई बोली – थैंक यू गॉड !! आप बहुत अच्छे हो ! सुधीर मैं तुमसे कई दिनों से कहना चाहती थी ! मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूँ ! बस इस बात का  डर था कि कहीं तुम शादी शुदा तो नहीं ! अब मैं बहुत खुश हूँ ! मैं 35 साल की हूँ ! मेरे पापा इस शहर के सबसे बड़े बिजनेस मेन हैं ! मैं उनकी एकलौती बेटी हूँ  ! और मेरे पिताजी के जाने के बाद उनका सारा काम मैं ही संभाल रही हूँ ! ऐसा नहीं हैं मुझे कोई लड़के नहीं मिले पर सब मेरी धन दौलत से मेरी तरफ आकर्षित होते थे ! मुझसे प्यार नहीं था उन्हे ! तुम मुझे बहुत सच्चे और पहली नजर में ही मेरे सपनों के शहजादे लगे ! अब मुझे नहीं पता तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या हैं ! मैने अपने दिल की बात कह दी ! तुम अच्छी तरह सोच समझ कर जवाब देना ! कल तुम्हारा यहीं इंतजार करूँगी ! मैडम जी गाड़ी में बैठकर चली गयी !




सुधीर जी के दोस्त उनके पास दौड़ते हुए आये और उनकी पीठ पर हाथ मारते हुए बोले ,,तेरी तो लाटरी लग गयी सुधीर ! इतने बड़े घर की इतनी खूबसूरत गोरी मेम तीन बच्चों के बाप पर फिदा  हो गयी ! तेरे से ज्यादा किस्मत वाला कोई नहीं होगा ! काश हमारी भी किस्मत ऐसी होती !

सुधीर जी बोले – तुम सबका दिमाग खराब हो गया है क्या ! उमा मुझे खा जायेगी ! मैं उमा और अपने बच्चों को धोखा नहीं दे सकता !

दोस्त कहते – अरे तू धोखा थोड़ी ना दे रहा हैं भाभी को ! जब तक यहाँ हैं ज़िन्दगी के मजे ले ! वैसे भी मैडम रइश  घराने से हैं ! आज किसी और को बाहों में लेगी कल किसी और को ! तू भी मजे कर !

सुधीर जी  ने बहुत सोचा ! अगले दिन से वो रोज मैडम जी से मिलने लगे ! मैडम जी जब भी उनके नजदीक आने की कोशिश करती सुधीर जी के उमा के साथ लिए साथ फेरे उन्हे रोक लेते !

सुधीर जी भी मैडम जी को चाहने लगे थे मैडम जी थी ही इतनी पाक और प्यारी ! पर उनके आगे बच्चों और उमा का चेहरा बार बार आ जाता ! और वो पीछे हट ज़ाते !

एक दिन मैडम जी ने सुधीर जी को अपने घर बुलाया यह कहके कि मेरी तबियत सही नहीं हैं सुधीर ! प्लीज आ जाओ ना ! 

मैडम जी का बहुत ही आलीशान बड़ा सा बंगला था ! 4-6 गाडियां खड़ी थी ! सुधीर जी अंदर गए ! देखकर आंखे फटी रह गयी उनकी ! चारों तरफ दीवारों पर सुधीर जी की बड़ी बड़ी फोटो लगी हुई थी ! मैडम जी नीचे आयी और सुधीर जी के होठों पर एक चुम्बन अंकित  कर दिया ! सुधीर जी ने झटके से उन्हे दूर किया ! मैडम जी बोली – सुधीर मैने कुछ गलत किया क्या  ,अगर तुम्हे ये गलत लगता हैं तो कल ही मुझे अपना बना लो ! मुझसे शादी कर लो ! मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती !

सुधीर जी बिना कुछ बोले वहाँ से निकल गए ! और अगले ही  दिन अपने घर आ गए ! उमा जी उनके नजदीक आयी तो उनके पैरों में पड़ गए ! और जोर जोर से रोने लगे ! उमा जी कहती – मेरे सोना ,ऐसे फफ़क कर क्यूँ रो रहे हो ! कुछ हुआ हैं क्या ! मेरा दिल  बैठा जा रहा हैं ! कुछ बताओ ! सुधीर जी बोलते – उमा मुझे माफ कर दो ! मैं तुम्हारा गुनहेगार हूँ ! मैने अपनी भोली सी पत्नी को धोखा दिया है  ! मेरा  गुनाह माफ करने लायक नहीं ! मैं एक लड़की …!! सुधीर जी पूरा बोल भी नहीं पाये ! उस से पहले ही उमा जी ने उनके मुंह पर अपनी ऊंगली रख दी और बोली बिल्कुल चुप ! तुमने कोई भी गलती की हो ! तुम्हारे ये आंसू खुद गवाह हैं कि तुम अभी भी मेरे ही हो ! मुझे अपने प्यार पर पूरा भरोसा हैं कि मेरे पति मुझे धोखा नहीं दे सकते ! इतना कहके उमा जी ने सुधीर जी के आंसू पोंछकर उन्हे अपनी बाहों में भर लिया !

सुधीर जी ने मैडम जी से भी अपनी गलतियों की माफी मांगी ! और उनसे वादा लिया कि मुझसे मिलने की अब कोशिश मत कीजियेगा ! हूँ तो इंसान ही कहीं कमज़ोर ना पड़ जाऊँ !

आज सुधीर जी और उमा जी  की 78 वर्ष के हो गए थे ! अभी भी सुधीर जी के फौजी बक्से की गली हुई डायरी के पन्नों में मैडम जी की धुंधली सी तस्वीर रखी हुई हैं ! कभी कभी उस तस्वीर को देख के सुधीर जी के चेहरे पर एक मुस्कान तैर जाती और फिर वो डायरी बंद कर देते !

यह एक सच्चा वाकया हैं साथियों कैसा लगा बताइयेगा ज़रूर !!

#धोखा

स्वरचित

मौलिक अप्रकाशित

मीनाक्षी सिंह

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!