मैं नवरात्रि में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करती हूं तो मेरे मन में पाठ में जो भी वर्णन है। उसके चित्र से उभरते हैं। किस प्रकार माता रानी ने राक्षसों का वध किया। पृथ्वी को राक्षसों से बचाया ।अनेक राक्षसों का वध ब्रह्मा विष्णु महेश तथा देवता भी करने में असमर्थ थे ।उन राक्षसों का वध माता रानी महिषासुर मर्दिनी ने किया। जिस प्रकार वह सिंह पर सवार होकर राक्षसों को मारती काटती दांतो काटती हुई उनका वध करती है जिस शक्ति के सामने ब्रह्मा विष्णु महेश देवता नतमस्तक है। वह कमजोर कैसे हो सकती है ।
जहां इस प्रकार के ग्रंथ पढ़े जाते हैं साल में दो बार माता रानी की पूजा अर्चना करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है ।उस देश में विडंबना है। कि नारी की स्थिति कितनी खराब है। बाहर कुछ दिखता है। अंदर की कहानी कुछ और ही होती है। बेटी बनकर घर में भाइयों की बराबरी नहीं कर सकती ।खान-पान से लेकर पढ़ाई के भी दोहरे मापदंड होते हैं। जब वह बहू बनती है। तो स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। कि उसके बिना घर का कोई काम होता ही नहीं है पति अगर अच्छा ना मिले तो जिंदगी नर्क हो जाती हैं
लेकिन यह हर जगह नहीं होता ज्यादातर जगह पर ऐसा ही होता है । मां-बाप को समाज की फिक्र होती है। वह अपनी बेटी को उसी दलदल में पड़ा छोड़ना चाहते हैं ।आए दिन टेलीविजन पर इस तरह की खबरें दिखाई जाती रहती है ।अब तो वीडियो भी वायरल होते हैं ।जिनसे समाज में क्या चल रहा है। इन सब का पता लगता है। मां बाप बेटी को प्यार तो बहुत करते हैं।
लेकिन घर के किसी फैसले में भागीदार बनाना पसंद नहीं करते जहां बेटे घर के फैसले लेते हैं। बेटी को प्यार तो बहुत करते हैं। लेकिन बात मां बाप की संपत्ति में बेटी की बेटों की तरह हिस्सेदारी की आती है ।तो मां बाप पीछे हट जाते हैं ।जबकि कोर्ट इस प्रकार के कई फैसले समय-समय पर लेती रहती है ।लेकिन दिल से ना जाने क्यों माता पिता बेटियों को अपनी संतान तो मानते हैं।
लेकिन उन्हें उनकी बराबरी के हिस्सेदारी देने में उनका कलेजा कांपता है । भारत जैसे देश में बेटियां हिस्सेदारी कब लेना चाहती हैं ।जरूरत पड़े तो उनके लिए इतनी व्यवस्था कर दो उन्हें भटकने ना पड़े किसी का जुल्म बर्दाश्त ना करना पड़े सक्षम बन जाए उनके दहेज में पैसे खर्च मत करो समाज के लिए रुतबा दिखाने के लिए ।उनके भविष्य पर पैसा खर्च कर दो कोई छोटी सी प्रॉपर्टी बना दो दहेज के बदले जो कभी उनके काम में आ जाए बेटियों में आत्मविश्वास भर दो कि वह किसी से ना डरे अपने हक के लिए लड़ सके,, हमें प्यार से अपना लो दिल से अपना लो ।न आने वाला समय दस्तक दे रहा है बेटियां शक्ति का रूप है ,,,,,,,,, मंजू तिवारी गुड़गांव