जरूर कोई-ना-कोई बात है..?? – पूनम गुप्ता

रिश्तों में छोटी-छोटी बात कब कभी-कभी बड़ा रूप ले लेगा कुछ समझ नही आता,कई बार ऐसा देखा गया है..अच्छा-खासा रिश्ता एक पल में टूट कर बिखरने लगते है..जो हम कभी नहीं सोचते वह हो जाता है,,

जिसका कारण कुछ नहीं” बस कुछ छोटी- मोटी बात होती,, जो बड़ा बनकर रिश्ते को बिगाड़ने की कगार पर ले जाता,.. आइए जानते हैं, इस बात को इस कहानी के जरिए..!!

“अनुराधा” और “अनुराग” दोनों पति-पत्नी है, दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं,!!

अनुराधा तो कभी सपने में भी नहीं सोच सकती की उसका पति “अनुराग” उसे कभी धोखा भी दे सकता है..वह भी किसी छोटे-मोटे बात को लेकर!

दोनों की शादी हुए लगभग 5 साल हो गए हैं!! अनुराग के साथ अनुराधा बहुत खुश है, अपनी 2 साल की बिटिया पीहू के साथ..!!

सब कुछ अच्छा चल रहा था,, एक दिन अचानक अनुराग को ऑफिस के काम से कहीं बाहर भेजने की तैयारी उनके बॉस करने लगते हैं..!!

पहले तो अनुराग अपने बॉस को मना कर देता, कि इतने दिनों के लिए अपने बीवी -बच्चों को छोड़कर बाहर नहीं जा सकता..और यदि भेजना ही है, तो पत्नी और बच्चे को भी साथ भेज दे !!

लाख समझाने के बाद भी बॉस अनुराग की बात नहीं सुनता और अनुराग को अकेला जाने को कहता..!!

अनुराग घर आकर अपनी पत्नी से कहता है, जब अनुराधा यह बात सुनती है.. तो चौंक जाती.. आज तक अनुराग कभी ऑफिस के काम से बाहर नहीं गया..मुझे और मेरी बेटी को छोड़कर फिर आज जाने की बात क्यों कर रहा है..?”

   “वह भी पूरे 1 महीने के लिए.. पहले तो 2 दिनों के लिए भी जाता था, तो मुझे और पीहू को साथ लेकर जाता था.. आज अकेला जाने की बात कर रहा है!!




अनुराधा की बात सुनकर “अनुराग” चुप हो जाता है क्योंकि वह जान रहा था.. अब कुछ नहीं हो सकता क्योंकि ऑफिस का काम है ..और मुझे तो जाना ही है ..वरना मेरा काम हाथ से निकल जाएगा, रह गया बीवी -बच्चों को घुमाने की बात, तो मैं कभी बाद में ले जाऊंगा ..बॉस है कि मानने को तैयार नहीं है अब यह बात में अनुराधा से कैसे कहूं..?” बड़ी उदास हो जाएगी.!! सोच कर चुप हो जाता है!!

अनुराधा कहती ..अनुराग यदि तुम जा ही रहे हो तो हमें भी अपने साथ ले चलो”” हम तुम्हारे बिना 1 महीने तक कैसे रहेंगे” पीहू भी अभी छोटी है.. वह भी तुम्हें मिस करेगी..!!

“””.  अनुराधा बात समझने की कोशिश करो’ मैं अभी तुम्हें और पीहू को साथ नहीं ले जा सकता !

ऑफिस का बहुत जरूरी काम है, जो मुझे अकेले जाकर करना होगा..तुम दोनों घर पर आराम से रहना …जब समय मिलेगा मैं कॉल कर लिया करूंगा..!!

प्लीज “अनुराग जी हमें भी साथ ले चलो ना”..

इस बार अनुराग अपनी पत्नी की बात सुनकर थोड़ा गुस्सा हो जाता..और कहता,,अनुराधा तुम्हें समझ नहीं आ रहा “”मुझे ऑफिस के काम से बाहर जाना है ..और अकेले हीं जाना है,फिर तुम बार-बार जिद क्यों कर रही हो ?”मेरे साथ जाने की, तुम्हें समझ नहीं आ रहा.. कि मैं कहना क्या चाह रहा हूं..?” क्या कुछ दिन तुम मुझसे दूर नहीं रह सकती इसी बात से तो,,, मैं तुमसे परेशान हो जाता हूं!!! कभी-कभी किसी बात को लेकर तुम बहुत जिद करती हो” जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं” कभी तो मुझे स्वतंत्र छोड़ दो’ ताकि मैं अपना काम जल्द से जल्द निपटा कर वापस आ सकूं..कभी तो मुझे आजादी से रहने दो”..!!

  आजादी, स्वतंत्र इतना कहने मात्र से अनुराधा का मन ना जाने क्या क्या सोचने लगती, अच्छा तो यह बात है,अनुराग जी को आजादी से रहना है, मुझ से आजाद होना चाहते हैं!!”

  और इस बार अनुराधा अपने पति की बात सुनकर बिल्कुल चुप हो जाती है ..आजादी..मुझसे आजादी चाहिए ..अनुराग को ओह” अच्छा” इसका मतलब यह बात है ..मन-ही-मन सोचने लगती,, इसमें इतना गुस्सा होने की क्या बात ?” ऐसा भी क्या हो जाएगा यदि हमें साथ ले जाएगा ?उसके मन में थोड़ा थोड़ा शक होने लग जाता है,…आज से पहले अनुराग कभी मुझसे ऐसी बातें नहीं किया”” मुझसे दूर जाने की बात नहीं की और आज मुझसे स्वतंत्र होना चाहता है “””मुझसे आजादी चाहिए, कहना क्या चाहते हैं..अनुराग जी “?”जरूर कोई ना कोई बात है..कहीं कोई लड़की का चक्कर तो नहीं..सोचते -सोचते फिर रुक जाती..नहीं”नहीं” ऐसा मेरे अनुराग जी कभी नहीं कर सकते..!!




   बात, आई गई हो गई..रात को दोनों में बात हुई सुबह उठकर अनुराग बाहर जाने की तैयारी में लग जाता है..अनुराधा को भी जब टाइम मिल रहा था उसकी पैकिंग में थोड़ा बहुत हेल्प कर रही थी.. यह सोच कर कि काश “अनुराग” मुझे भी अपने साथ ले जाता.. लेकिन अनुराग इस मामले में कोई बात नहीं करता जल्दबाजी में पैकिंग करता और बाहर जाने के लिए निकल जाता है..!!

  अब तो अनुराधा का मन और घबराने लग जाता 1 महीने के लिए मेरा पति मुझसे दूर चला गया, जो एक पल के लिए भी जाने की बात नहीं करता था !ऐसा भी क्या अर्जेंट काम आ गया ?” ऑफिस का कि मुझसे इतने दिनों के लिए दूर जाना पड़ रहा है, कहीं कोई और बात तो नहीं..फिर कहती नहीं” नहीं मेरा अनुराग मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकता..मुझे धोखा कभी नहीं दे सकता..!!

“सारा काम निपटाने के बाद अनुराधा जब अपने कमरे में जाती तो” अपने पति अनुराग की याद आ जाती जल्दी से फोन उठाकर उसका नंबर डायल करने लगती है ..यह क्या ?” उसका नंबर बिजी आ रहा है..इस समय किससे बात करने में लगा हुआ है?”,जबकि अनुराग अपने बॉस से बात कर रहा था!!

  अनुराधा को कौन समझाए ?”उसका मन बेचैन हो उठता मन घबराने लगता” थोड़ी देर बाद दोबारा कॉल लगाती तो उसका नंबर out-of-range बता रहा था..यह क्या,अनुराग का नंबर out-of-range क्यों बता रहा है ? ना खुद कॉल कर रहा है, ना मेरा नंबर लग रहा,, इतना लापरवाह कैसे हो सकता है..?” जरूर कुछ दाल में काला है..!!

   इस परेशानी से अनुराधा को किसी काम में मन नहीं लग रहा था.. खुद भी उदास मन से बैठी ना अच्छे से खा पी रही थी..और ना अपना केयर कर रही थी..!!

   मन में बार-बार बुरे ख्याल आ रहे थे… कहीं अनुराग के साथ कोई और तो नहीं गई है, उसकी ऑफिस की वह लड़की जो उनके साथ काम करती है, कुछ ज्यादा ही क्लोज आने की कोशिश करती रहती थी हमेशा अनुराग बताते थे,, कहीं उसके साथ अनुराग तो नहीं गए ,,वरना समय मिलते ही जरूर बात करते !! और आज से पहले अनुराग मुझसे कभी इतना गुस्सा होकर बात नहीं किया था,,, जितना गुस्सा से उस दिन बाद किया कुछ समझ नहीं आ रहा..!!

छोटा सा शक बड़ा रूप धर रहा था “”जबकि इस बात से अनुराधा बिल्कुल अनजान थी कि उसका पति सचमुच बहुत अच्छा है ..वह अपने ऑफिस के काम से अकेला ही बाहर गया है.. बॉस के कहने पर उसके साथ कोई लड़की नहीं.. और ना ही वह कोई बुरा काम करने गया है ..अब यह बात अनुराधा को कौन समझाए..!!

अनुराग दूसरे शहर पहुंचते ही”” इतना बिजी हो जाता कि अपनी पत्नी को कॉल लगाने का समय नहीं मिलता”” यह सोच कर छोड़ देता कि चलो आज का काम निपटा लूं, रात में आराम से बात कर लूंगा

इधर अनुराधा का साथ और भी बढ़ता जा रहा था ऐसा भी क्या बात हो गया..? अनुराग को फोन करने तक का समय नहीं मिल रहा”” मुझसे स्वतंत्र होना चाहता ..अब मुझसे दूर जाकर उसे अकेला रहना इतना पसंद आ रहा है ..कि मुझसे बात तक नहीं करना चाह रहा” यहां तक कि अपनी पीहू की भी खबर नहीं ले रहा.. उदास मन से बैठकर सोचने लग जाती है..!!




जब रात को अनुराग फोन लगाता तो अनुराधा गुस्से से उससे बात करने लगती.. बहुत कुछ सुना देती.. यह क्या बात हुई..? घर से बाहर क्या गए.. अपनी मर्जी के मालिक बन गए, हमारी कोई चिंता नहीं तुम्हें एक बार कॉल लगाकर मुझे पता भी नहीं सकते थे..!

“” यार अनुराधा अब तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही हो ऐसी कोई बात नहीं” मैंने सोचा पहले काम कर लूं फिर आराम से बाद में तुमसे बात कर लूंगा..!!

नहीं “”नहीं अनुराग जी जरूर कोई बात है.. वरना आज से पहले आपने मुझे इग्नोर नहीं किया आपको मुझसे दूर जाना था..ना उस दिन आपने कहा मुझे अकेला छोड़ दो”” क्या मैं आपके साथ रहती तो आप काम नहीं कर सकते”” या फिर मैं आपको डिस्टर्ब करती..!!

ऐसी कोई बात नहीं अनुराधा मैंने बॉस से बात की थी तुम दोनों को साथ लाने की लेकिन उन्होंने मुझे मना कर दिया..!!

आगे कुछ और कहता की अनुराधा बोल पड़ती है अब छोड़ो भी अनुराग सफाई देने की जरूरत नहीं तुम्हें मुझसे दूर जाकर कुछ दिन के लिए आजादी से रहना था, अपनी मनमर्जी करनी थी, इसलिए तुम मुझसे दूर गए यहां तक की कॉल भी नहीं की और ना मेरा फोन रिसीव किए… इसे मैं क्या समझू..?” अब सच सच बताओ बात क्या है..?” तुम्हारे साथ और कौन गई है.?”

“” यार अनुराधा तुम पागल हो गई हो क्या..?” क्या बकवास किए जा रही हो, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा..!!

मैं सही कह रही हूं ..अनुराग जी जरूर कोई ना कोई बात है ,जो आप इतने दिनों के लिए मुझसे दूर गए इसके पहले आप कभी मुझसे दूर जाने की बात नहीं करते थे ..और जब भी जाते थे.. तो मुझे अपने साथ ले जाते थे.. लेकिन इस बार ले जाना तो दूर की बात आप मुझसे गुस्सा भी हो गए थे.. अभी इसे  मैं क्या समझाऊं..?” आप ही बता दो..!!

एक तो काम का प्रेशर ऊपर से अपनी पत्नी का उल्टा -सीधा बात सुनकर अनुराग का दिमाग और भी खराब हो जाता है.. गुस्से से फोन पटक कर रख देता और कहता मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी! स्विच ऑफ करके सो जाता.. सुबह और भी बहुत सारे काम थे ..यह सोच कर..!!

इधर अनुराधा का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच जाता, अब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि अनुराग जी मुझसे कुछ ना कुछ छुपा रहे हैं, आज से पहले उसने कभी कॉल इस तरह कट नहीं किया और ना ऑफ किया उन्हें आजादी चाहिए थी, अब रात भी आजादी से बिताना चाहते हैं, जरूर उसके साथ कोई ना कोई है..!!

छोटी सी बात ना जाने कब बड़ा सा शक का रूप धार रहा था.. कुछ समझ नहीं आ रहा था,, रात भर अनुराधा को नींद नहीं आता यह सोच कर पता नहीं अनुराग क्या कर रहा होगा ?” इस समय.. सोच कर सो नहीं पा रही थी..!!

सुबह उठते ही दोबारा अनुराग को कॉल लगाती अनुराग इस समय वॉशरूम में था !

कॉल पिक नहीं करता इस बात से अनुराधा और भी ज्यादा गुस्सा हो जाती है, अपना फोन ऑफ करके रख देती एक कोने में..!!

इधर जैसे ही अनुराग वॉशरूम से निकलता कॉल लगाने की कोशिश करता,,, यह क्या अनुराधा का नंबर ऑफ क्यों आ रहा है..? अच्छा चलो कोई बात नहीं बाद में बात कर लूंगा.. हो सकता है, चार्ज नहीं हुआ होगा इसलिए ऑफ हो गया होगा..!!

जब अनुराधा का गुस्सा शांत होता तो अपना मोबाइल ऑन करती है ..यह सोच कर कि चलो सुबह बात नहीं हुई कोई बात नहीं बाद में अनुराग कॉल जरूर करेगा..!!




  इधर अनुराग दिनभर काम में ऐसे फंस जाता है, कि दोबारा कॉल करने का समय नहीं मिलता कहते हैं ..ना ..जब किसी के मन में किसी के लिए शक पैदा होता है.. तो वह और भी बढ़ता जाता है.. उसे हम जितना कम करने की कोशिश करते य समझने की कोशिश करते हैं, वह शक और भी बढ़ता जाता कुछ ऐसा ही अनुराग और अनुराधा के बीच हो रहा था ..गलत दोनों में से कोई नहीं था, फिर भी दोनों के बीच छोटी सी बात को लेकर बात बढ़ते जा रहे थे..!!

अनुराधा मन-ही-मन ना जाने अपने पति के बारे में क्या-क्या सोच लेती है..!!

वही अनुराग अपना काम जल्द से जल्द खत्म करके वापस अपने शहर लौट जाना चाह रहा था..!!

इधर अनुराधा अपना फोन पकड़ कर उसके फोन आने का इंतजार करती रहती”” और खुद दोबारा फोन ना लगाने की कसम खाती, दिनभर अनुराग को समय नहीं मिलता कि दोबारा कॉल लगाकर अपनी पत्नी से बात करें इधर अनुराधा का गुस्सा और भी बढ़ते जा रहा था..!!

गुस्से में आकर सीधा फोन उसके ऑफिस में लगाती यह जानने के लिए अनुराग के दोस्तों से बात करती की ऑफिस के काम से उसका पति बाहर अकेला गया है, या फिर उसके साथ कोई और है..!!

जब उसे हकीकत का पता चलता तो” खुद को शर्मिंदा महसूस करती.. हे भगवान* मैं भी क्या-क्या सोच रही थी ?” अपने अनुराग के बारे में जबकि मेरा पति ऐसा है.. ही.. नहीं.. खुद  बहुत अफसोस करती..तभी अचानक उसका मोबाइल बज उठता यह फोन किसी और का नहीं अनुराग का था..!!

  अनुराधा बहुत ही शांति मन अपने पति से बात करती है..अनुराग को भी बहुत अच्छा लगता चलो अनुराधा का गुस्सा तो खत्म हुआ..ना जाने बेवजह मुझसे क्यों रूठी हुई थी..?* बिना मतलब मुझ पर शक कर रही थी..!!




   इस समय ज्यादा बात करने का समय अनुराग के पास नहीं था ..सो हाल-चाल लेने के बाद फोन रख देता यह कहते हुए अनु काम खत्म होते ही मैं जल्दी वापस आ जाऊंगा..!!!अपना और पीहू का ख्याल रखना..अनुराधा कहती अनुराग जी आप अपने काम पर ध्यान दो” यहां की चिंता मत करो” मैं सब संभाल लूंगी…बस जल्द से जल्द वापस आ जाना आपके बिना मुझे मन नहीं लग रहा..””ओके बाय स्वीटहार्ट अभी फोन रखता हूं.. बाद में बात करूंगा समय मिलते ही और हां आज मुझे वीडियो कॉलिंग भी करनी है..तुम दोनों को देखे हुए पूरे 5 दिन हो गए..!!

मुस्कुराती हुई अनुराधा कहती है ..हां” हां” क्यों नहीं अनुराग रात को मैं इंतजार करूंगी..” तुम्हारे कॉल का टेक केयर, गुड लक जल्दी से अपना काम फिनिश करो और वापस आ जाओ..!!

अनुराधा अब मैं फोन रखता हूं,, बाय” बाय”..!!

अब जाकर अनुराधा को चैन आता है, वरना इन चार-पांच दिनों में वह सोच सोच कर पागल हुए जा रही थी अपने पति के बारे में तरह तरह का ख्याल उसके मन में आ रहे थे जो उन दोनों के बीच और भी दूरियां बढ़ा  रहा था..!!

अपने कमरे में जाकर सबसे पहले अपनी बेटी का माथा चूमती और कहती देखा ना पीहू तुम्हारे पापा कितना प्यार करते हैं ..हम दोनों से और एक मैं हूं बेवजह उन पर शक कर रही थी ..उनके बारे में बुरा सोच रही थी..अब आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा.. बिना कुछ सोचे- समझे अनुराग के बारे में कभी गलत नहीं सोचूंगी.. वरना छोटी- मोटी बात कभी-कभी इतना बढ़ जाता है “”कि उसे संभालना मुश्किल हो जाता है ,जैसे मुझे हो रहा था..!!

कुछ दिनों बाद अनुराग अपना सारा काम निपटा कर वापस घर आ जाता है..घर आते ही अनुराधा उसके गले लग कर रो पड़ती है”” अपनी गलती का पछतावा या फिर अपने पति से दूर रहने की तड़प यह वही समझ सकती थी जो भी था अनुराग को देखकर बेटी पीहू भी चाहकती हुई दौड़ी चली आती है..अनुराग दोनों को अपने गले लगा कर बहुत सुकून महसूस करता है..!!

दोस्तों… कभी-कभी दो लोगों के बीच छोटी- मोटी बात को लेकर.. बात इतना बढ़ जाता है, कि उसे संभालना मुश्किल हो जाता,, जबकि गलती किसी की नहीं होती फिर भी रिश्ते में कड़वाहट आने लग जाता है!

✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 पूनम गुप्ता***** स्वरचित कहानी*

 

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