CBI और CID में क्या अंतर होता है?

दोस्तों हम सभी जानते हैं सीबीआई और सीआईडी भारत की दोनों जांच एजेंसियां हैं लेकिन बहुत कम ही लोगों को यह बात पता होगी कि आखिर जब दोनों जांच एजेंसियां हैं तो दो-दो जांच एजेंसियां बनाने की जरूरत क्यों है.  पूरे देश में एक ही एजेंसी होती या तो सीबीआई या तो सीआईडी। 

दोस्तों आपको बताते चलें “सीआईडी” जहां एक क्षेत्रीय एजेंसी है, यानी एक राज्य के अंदर होने वाली आपराधिक  घटनाओं की जांच करता है और यह राज्य सरकार के अंतर्गत आता है जबकि “सीबीआई” भारत भर में होने वाली विभिन्न आपराधिक घटनाओं की जांच करता है और इसके सारे निर्णय सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय सरकार के पास  सुरक्षित होता है. 

अब बारी-बारी से आइए जान लेते हैं इन दोनों प्रमुख जांच एजेंसी यानी कि सीबीआई और सीआईडी में प्रमुख अंतर क्या होता है। 

सीबीआई

 सीबीआई का फुल फॉर्म होता है “सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन” यह भारत सरकार की एक एजेंसी है जोकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली आपराधिक  घटनाओं जैसे कि भ्रष्टाचार के मामले में, घोटाले हो या हत्या के मामले में या राष्ट्रीय हित का मामला हो सबका जांच सीबीआई करता है। इसकी स्थापना 1963 में संथानम समिति की सिफारिश पर गृह मंत्रालय के द्वारा किया गया बाद में इसे कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत ट्रांसफर कर दिया गया इसका केंद्रीय मुख्यालय नई दिल्ली में है। 

कई मामलों में भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य के अंदर घटित आपराधिक  घटनाओं की जांच करने का आदेश भी सीबीआई को दे देती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट राज्य सरकार के बिना सहमति के भी देश के किसी भी राज्य में अगर कोई आपराधिक मामला हो जिसकी जांच सीबीआई से कराना जरूरी हो जाता है तो वह इसके लिए आदेश दे सकते।

सीआईडी

 दोस्तो “सीआईडी” का फुल फॉर्म होता है “क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट” जो कि भारत के किसी प्रदेश के अपराधिक जांच एजेंसी के रूप में कार्य करता है.  या यूं कहें तो सीआईडी किसी राज्य के अंतर्गत जो पुलिस प्रशासन होता है उसका यह खुफिया विभाग होता है. अगर राज्य में किसी भी तरह का हत्या, दंगा, अपहरण या चोरी जैसी घटनाएं होती हैं और उसका पता लगाना जब पुलिस के दायरे से बाहर हो जाता है तब वह  केस CID को सौंपा जाता है. वैसे तो सीआईडी की स्थापना देश आजाद होने से पहले ही अंग्रेजों के सरकार में 1902 ईस्वी में ही हो गई थी. सीआईडी के अंतर्गत जो भी पुलिसकर्मी शामिल किए जाते हैं उनको एक स्पेशल ट्रेनिंग दिया जाता है. सीआईडी को जांच का जो कार्य होता है वह हाईकोर्ट और राज्य सरकार के निगरानी में होता है। 

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