चाणक्य नीति में 3 बातों को बहुत दुखदाई बताया गया है

चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु आचार्य चाणक्य ने अपने चाणक्य नीति  के आठवें अध्याय में एक श्लोक लिखा है पहले आप उस श्लोक को पढ़ लीजिए।   वृद्धकाले मृता भार्या बन्धुहस्तगतं धनम् । भोजनं च पराधीनं तिस्रः पुंसां विडम्बनाः ॥ इस श्लोक के अनुसार आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वो व्यक्ति अपने जीवन में सबसे ज्यादा … Read more

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