जब देवर बन गया भाई

आज रक्षाबंधन का दिन था। ममता किचन में मालपुए बना रही थी तभी उसका देवर राहुल ने अपने भाभी को छेड़ा लेकिन अक्सर जब भी राहुल अपने भाभी से कोई मजाक करता था तो उसकी भाभी भी पलट कर उसको जवाब देती थी, लेकिन आज राहुल की भाभी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया।  राहुल ने बोला भाभी मुझे जल्दी से मालपुए खाना है आपके हाथ का मालपुआ कितना स्वादिष्ट होता है। ममता ने बोला बस आधे घंटे रुक जाओ तब तक मालपुआ तैयार हो जाएगा। राहुल को ना जाने क्यों ऐसा लगा कि आज भाभी उससे सही से बात नहीं कर रही है बल्कि उसके मजाक का भी जवाब नहीं दिया।

ममता की दो ननद थी एक ननद की इसी साल शादी हुई थी और एक ननद अभी छोटी थी जिसका नाम रितु था ममता की सास ने थोड़ी देर में ही सबको आंगन में बुलाया और बोली यह लो सबके लिए कपड़े लेकर आई हूं सब अपने अपने कपड़े ले लो और ममता की सास ने राहुल को भी बोला राहुल तुम जल्दी से तैयार हो जाओ और रितु से भी राखी बंधवा लो और यह कपड़े अपने बड़ी बहन के घर लेकर जाओ और इस  साल ससुराल में उसकी पहली राखी है यह गिफ्ट भी उसे दे आना।

काफी देर हो गया लेकिन ममता नहीं आई तो ममता के सास ने आवाज लगाई बहू तुम भी अपनी साड़ी ले जाओ और तैयार हो जाओ।  आज त्यौहार का दिन है क्या पूरे दिन किचन में ही रहोगी। थोड़ी देर बाद ममता आई और उसने अपना साड़ी लेकर अपने कमरे में चली गई राहुल ने नोटिस किया कि ममता की आंखों में आंसू भरे हुए थे लेकिन वह कुछ बोल नहीं सका।

कुछ देर के बाद राहुल अपनी छोटी बहन रितु के कमरे में गया और अपनी बहन से कहा रितु आज पता नहीं क्यों भाभी इतनी उदास है, आज रक्षाबंधन का दिन है सब लोग कितने खुश हैं, भाभी के चेहरे पर यह उदासी अच्छा नहीं लगता है।  रितु ने राहुल को जवाब दिया भैया तुम्हें तो पता ही है कि भाभी का कोई भाई नहीं है इस वजह से रक्षाबंधन के दिन वह उदास हो जाती हैं क्योंकि रक्षाबंधन के त्यौहार ही है भाई का। इतने देर में मनोज वहां से गायब हो चुका था।

इधर ममता के सास  सब से पूछ रही थी। रितु, राहुल कहां गायब हो गया अब क्या शाम को जाएगा तुम्हारी दीदी के यहां राखी बंधवाने, वह तो बिल्कुल ही लापरवाह है। ममता की सास ने ममता से भी कहा बहु तुम भी जल्दी से साड़ी पहन लो, कैसा नौकरों जैसी हालत कर रखी है।  ममता बोली मां जी आपको तो पता ही है कि मेरा कोई भाई नहीं है यह बोलते हुए ममता का गला भर आया।

इतनी देर में ही राहुल घर के अंदर आ चुका था और बाहर से उसने गिफ्ट भी पैक करा कर आया हुआ था उसने बोला भाभी क्यूँ  चिंता करती हो, मैं हूं ना, यह लीजिए आप अपना गिफ्ट, आपका भाई नहीं है तो क्या हो गया, मैं भी तो आपके भाई जैसा ही हूं, और देवर और भाई में कोई ज्यादा अंतर तो होता नहीं है, यह सुन ममता की आंखों में जो आंसू भरे हुए थे वह अपने आप को रोक नहीं सके और गालों से होते हुए टपकने लगे और उसने बस इतना ही कहा ठीक कह  रहे हो राहुल भैया आप कोई मेरे भाई से कम थोड़ी हो।

राहुल ने बोला फिर देर किस बात की भाभी जल्दी से थाली लाओ और मुझे यह लो राखी बांधो क्योंकि मुझे दीदी के घर भी जाना है। भाभी, लेकिन हमारा यह रिश्ता सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही रहेगा, हर रक्षाबंधन के दिन मैं आपका भाई बन जाऊंगा और उसके बाद मैं फिर से आपका देवर बन जाऊंगा बोलिए मंजूर है।

ममता ने सिर हिला कर हां कहा और बड़े प्यार से राहुल को अपने गले लगा लिया। थोड़ी देर बाद राहुल ममता से राखी बंधवा कर अपने दीदी के घर के लिए निकल पड़ा।

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