Monday, June 5, 2023
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“एक किलो सोना ” – कविता भड़ाना

मीरा बुआ अपने बड़े भाई के घर राखी पर आई हुई थी  संपन्न परिवार की बहू “मीरा बुआ” को पैसों का घमंड भी बहुत था और हर जगह बस अपने मुंह मियां मिट्ठू बनी रहती … उनके भैया अपनी बड़ी बेटी के लिए रिश्ता देख रहे रहे थे पर कही भी बात नही बन पा रही थी…रात के खाने के बाद बुआ ने अपनी बड़ी भाभी से पूछा.. 

“और भाभी बेटी के लिए कितने गहने बनवाए है आपने”

भाभी ने कहा दीदी अभी तो एक अंगूठी तक नहीं बनवाई है एक बार रिश्ता तय हो जाए फिर जो बेटी की किस्मत में और हमारे सामर्थ में होगा बनवा देंगे…

“अरे अभी कुछ भी नही बनवाया आपने” मैंने तो अपनी बेटी के लिए पूरा एक किलो सोना बनवा रखा है देने के लिए” मीरा बुआ दंभ से बोली… 

ऐसी धूमधाम से शादी करूंगी की जमाना देखेगा और सचमुच बुआ ने एक नामी अमीर परिवार में अपनी बेटी की शादी की और खूब सारे दहेज, गाड़ी के साथ एक किलो सोना भी दिया… लेकिन दिखावे और पैसे के चक्कर में लड़के की जांच पड़ताल शायद सही से नहीं कर पाई…शादी के महीने भर बाद ही पता चला कि लड़के ने पहले से ही शादी की हुई थी और सिर्फ मां बाप के दवाब में आकर ये शादी की है…

 बुआ को जब ये सब पता चला तो उन्होंने खूब हाय तौबा मचाई, पुलिस केस भी किया पर जिस पैसे का उन्हें घमंड था उसी पैसे के दम पर लड़के वालों ने उल्टा लड़की को ही दोषी साबित कर दिया और बिरादरी में सहानभूति के लिए सारा दहेज, गाड़ी और एक किलो सोना भी लड़की के साथ भिजवा दिया…




इतना सब कुछ होने के बाद बुआ के भाई भाभी दौड़े दौड़े आए और साथ ही अपने दामाद (जोकि एक जाने माने वकील भी है) को साथ लाए और अपनी भांजी के जीवन से खिलवाड़ करने वाले लोगों को उनकी करनी की सजा दिलवाने में रात दिन एक कर दिया…

सब की मेहनत रंग लाई और लड़के वालों को जानबूझकर एक लड़की की जिंदगी बर्बाद करने के जुर्म में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई गई …

कोर्ट ने लड़की को भी, लड़कों वालो के द्वारा लगाए गए बदचलन के कलंक से मुक्त कर इंसाफ दे दिया था.. जल्दबाजी और घमंड में मीरा बुआ ने अपनी ही बेटी का जीवन खराब कर दिया, जिस पैसे पर वो घमंड करती थी वही पैसा उनके कुछ काम ना आया… 

बेहद दुखी और हताश मीरा बुआ ने जब वही एक किलो सोने के आभूषणों की पोटली देखी तो रोने लगी और आज उन्हें अपनी सोच और अमीरी के दंभ में दूसरो का दिल दुखाने का बहुत “पछतावा “हो रहा था…

स्वरचित, मौलिक रचना

#पछतावा 

कविता भड़ाना

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