डरावना मंजर –  माधुरी राठौर

आज जो कहानी मैं आप लोगों से बताने जा रही हूं, उसे सुनकर आप लोग भी आश्चर्यचकित और अचंभित हो जाएंगे! बहुत पुरानी घटना है यह,जब मैं छोटी थी तो यह घटना मेरे ही पड़ोस में घटित हुई थी उन दिनों चारों तरफ सिर्फ लोग भूत-प्रेत जीन चुड़ैल की ही बातों में अपना सारा समय बिता देते थे,इसके पीछे का कारण यह था कि मोहल्ले के एक घर में रोज सामान गायब हुए जा रहे थे! रोज-रोज घर से कुछ ना कुछ सामान गायब हुआ करता और तो और अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई पड़ रही थ, लोगों के कानों में,जिसके कारण चारों तरफ हड़कंप मचा हुआ था! सब की रातों की नींद हराम हो गई थी।

      कभी किसी को किसी औरत की रोने की आवाज सुनाई देती तो किसी को उसकी पायल की छम-छम!कभी किसी को रात में चूड़ियों की खनक सुनाई पड़ती तो किसी को दरवाजे की कुंडी खटखटाने की आवाज सुनाई पड़ती! मोहल्ले में मानो मातम सा छा गया थ, उन दिनों सब के तोते उड़े पड़े थे!कोई किसी के घर आता जाता भी नहीं था उस वक्त! सबके अंदर डर ने अपना घर बना रखा था।

        लोगों ने आपस में विचार कर किसी तांत्रिक बाबा को बुलाया! तांत्रिक बाबा ने जो कहा……..उसे सुन सबके होश गुम हो गए; बाबा ने कहा… कि इस मोहल्ले पर जीन ने अपना अड्डा बना लिया है! यह जिन बहुत ही नुकसान करने वाला है! भलाई इसी में है कि आप सब अपना कहीं और स्थान ग्रहण कर ले वरना जान के लाले पड़ जाएंगे।




            लोगों के घर से आए दिन कपड़े, गहने खाने की सामग्री आदि गायब हुए चले जा रहे थे और तो और लोगों के घर कचरों से भर जा रहे थे! इन सभी चीजों को देखकर लोगों का भूत प्रेत पर विश्वास और पक्का हो गया! लोग काफी घबराए हुए से प्रतीत होते थे! हम बच्चों को भी खेलन- कूदने की पाबंदी थी! सभी घरों में ही दुबके पड़े थे।

          एक सुबह अचानक ही चारों तरफ चहलकदमी करते लोग नजर आए! कारण पूछने पर पता चला कि अब घरों के, और आस पड़ोस के कुत्ते भी गायब होते जा रहे हैं! लोगों में सनसनी मच गई यह सोच कर कि अब घर की रखवाली कौन करेगा? एक कुत्ता ही था जो अशुभ संदेशों को समझकर भौंक-भौंक कर हम लोगों को आगाह कर देता था! अब क्या होगा? ना जाने अब क्या होने वाला था? हर रोज लोग डर का सामना कर जीवन जी रहे थे! कुछ लोग पूजा-पाठ में लीन थे! तो कुछ तांत्रिक के पीछे लगे थे जीवन अब कब सामान्य होगा, लोग इंतजार कर रहे थे कि अचानक एक खबर ने सबके होश उड़ा दिए।

            हुआ यूं कि शाम होते ही पड़ोस के एक घर के द्वार पर एक बहुत ही भयानक दिखने वाला कुत्ता अपनी चमकीली लाल आंखों से दरवाजों की तरफ निहार रहा था! बस लोग उसे भगाते पर वह भागने का नाम नहीं लेता, उल्टे लोग ही भाग जाते! उसकी लाल-लाल आंखें ऐसी प्रतीत हो रही थी मानो जैसे उसमें खून भरा हो! वह बहुत ही खूंखार नजर आता था! लोग देखते हीं उसे छुप जाते थे, लोग समझ नहीं पा रहे थे कि ..यह कुत्ता कुछ दिनों से मेरे घर के दरवाजे पर क्यों आता है! क्यों भगाने से भी नहीं जाता आखिर यह क्या चाहता है,हम लोगों से? तभी अचानक घर में भरकंप मच गया! नानी द्वारा यह कथन से कि वह कुत्ता के रूप में तुम्हारे नाना जी आए हैं मुझे ले जाने अपने साथ!वह मुझे अपने साथ ही लेकर जाएंगे!ऐसा नानी के मुख से सुनते ही सबकी सांसें अटक सी गई! किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है; और इस बात में क्या सच्चाई है पर सच मानिए वह दृश्य बहुत ही भयावह था।




     कुत्ता बहुत ही अजीबोगरीब हरकतें करता! एक पल के लिए भी द्वार से नहीं हटता था और एक अजीब बात यह भी थी कि उसकी आंखें बहुत ही डरावनी थी! वह अजीब-अजीब तरह की आवाजें निकालता रहता! शाम होते ही उसकी हरकतें और भी भयावह सी प्रतीत होती थी! एक बात और अजीब थी उसकी, उसकी आंखें बल्ब जैसी चमकती थी, जो और भी उसे डरावनी बनाती थी!एक दिन तो गजब ही हो गया! कुत्ता घर के अंदर घुंस गया और नानी ने सच में दम तोड़ दिया!लोगों ने इस नजारे को अपनी आंखों से देखा और महसूस किया था और आप सच मानिए वह पल बहुत ही भयानक था।

          आप लोगों को जानकर ताज्जुब होगा कि नानी की अंतिम संस्कार होनें तक वह कुत्ता प्रतिदिन दरवाजे पर आता और अड्डा जमा कर बैठ जाता! और किसी की इतनी मजाल कहां कि कोई उसे भगा सके! जो कोई भी उसे भगाने जाता खुद डर कर भाग जाता! इस बात में कितनी सच्चाई थी, यह तो सिर्फ ईश्वर ही बता सकते हैं! पर वहां जो भी घटित हो रहा था, वह बहुत ही भयावह था जिसे सोच आज भी मेरा रोम-रोम सिहर सा जाता है!उस डर को मैं आज भी महसूस कर रही हूं।

             सच मानिए उस जगह पर अगर आप लोग भी होते तो आपकी रूह भी कांप जाती!यह एक सच्ची घटना है! जो आंखों देखी है, हम लोगों ने उस समय जो महसूस किया था उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल हो रहा है,पर यह घटना सच में घटित हुई थी।

            बहुत सी चीजों पर से तो पर्दा भी नहीं उठा! बहुत सी बातें बड़ी ही रहस्य पूर्ण थी! शायद विधाता ही जानते थे,उस रात का सच, बाकी तो जो सामने घटित हो रहा था उसका वर्णन मैंने आप लोगों से किया।

              सच कहूं तो आज भी मेरा मन उस घटना को याद करके कांप जाता है! वह पल सच में बहुत ही डरावना था! वह छन मेरी जिंदगी का सबसे हैरतअंगेज कर देने वाला था! उस क्षण को भूलना ही अच्छा! ईश्वर से प्रार्थना है ऐसी कहानियों से कभी फिर पाला ना पड़े जिंदगी में।

          माधुरी राठौर,

       जमशेदपुर (झारखंड)

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