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काश लोग जैसे दिखते वैसे ही होते !! – स्वाती जैन

 आप टेंशन मत लिजिए वैसे भी मुझे आदत हो चुकी हैं इस सबकी शोभा ने अपनी मालकिन संजना से कहा !!

                              शोभा तुम्हारे हाथ पर पड़ा यह सिगरेट का निशान साफ जाहिर कर रहा हैं कि अब अति हो गई हैं और तुम तो जानती हो अति किसी चीज की भी अच्छी नही होती !!

तुम मार खाकर थकती नहीं शोभा , तुम क्यूं इस बेरहम और शराबी इंसान से अलग नही हो जाती  ?? तुम कमाती हो तुम अपने पैरो पर खड़े होने का दम रखती हो , तुम क्यूं सहन कर रही हो , तुम छोड़ क्यूं नही देती उसे संजना लगातार बोले जा रही थी !!

मेमसाब मैंने प्यार किया था उससे , अशोक मेरा पहला और आखिरी प्यार हैं !!

मैं और अशोक बचपन से साथ पले – बढ़े, दोनों का घर भी बगल में ही था , हम दोनों की बचपन की दोस्ती कब प्यार में बदल गई हम दोनों को पता ही नही चला !!

अशोक शादी से पहले जैसा दिखता था वैसा था नही मेमसाब यह मुझे शादी के बाद पता चला !!

मैंने अशोक को एक अच्छा आदमी समझकर प्यार किया था मगर वह अय्याश और शराबी हैं यह मुझे शादी के बाद पता चला !!

मेरा बेटा अपने पिता से बहुत प्यार करता हैं उसके सामने अशोक बहुत अच्छे से रहता हैं , मेरे बेटे को मैंने भी कभी भनक नही लगने दी हैं कि उसका बाप एक शराबी ,जुआरी आदमी हैं !!




हम दोनों में जो भी घटता हैं उस समय बेटा रोहन या तो स्कूल में होता हैं या ट्यूशन में !!

बहुत बार मैं उसको मेरी मां के घर छोड़ देती हुं !!

अशोक भी बेटे से बहुत प्यार करता हैं इसलिए उसके सामने बहुत अच्छा पिता होने का ढ़ोग करता हैं मेमसाब !!

हम दोनों बेटे के सामने लड़ते – झगड़ते नही हैं , बेटे के सामने वह मुझे मारता भी नही हैं !!

यह सिगरेट का निशान कल उसने मुझे तब लगाया जब बेटा बाहर खेलने गया था !!

बेटे के आने पर हम दोनों अच्छे पति – पत्नी का नाटक करते हैं !!

मैं अशोक को छोड़ने की धमकी दे चुकी हुं मेमसाब मगर वह बोलता हैं अगर तु मुझे छोड़ देगी तब भी मैं मेरे बेटे को तेरे साथ नही रहने दुगाँ उसे मैं मेरे साथ  रखूंगा और मेमसाब वह तो कुछ कमाता नही है मेरे बेटे को कैसे पढ़ाएगा , कैसे उसका पालन – पोषण करेगा ??

बस इन्ही बातों से डरकर मैं उसके साथ रह रही हुं !!

मेमसाब काश लोग जैसे दिखते हैं वैसे ही होते , मैं भी अशोक को पहचान नही पाई कभी !!

उसने मुझे एक अच्छा आदमी बनकर अपने प्यार में बाँध लिया और अब एक अच्छा पिता बनकर बेटे को धोखा दे रहा हैं !!

जब भी मेरे बेटे को असलियत का पता चलेगा ना मेमसाब वह भी टूट जाएगा मेरी तरह !!

ना बाप का साथ छोड़ पाएगा और ना उसके साथ रह पाएगा !!

संजना मूक बनकर सब सुन रही थी !!

वह सुन रही थी एक औरत की बेबसी , लाचारी और दुःख जो सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकती !!

जो चाहकर भी पति के खिलाफ नहीं जा सकती !!

शोभा के जाने के बाद भी संजना की आँखों से नींद कोसो दूर थी !!

वह भी यही सोच रही थी कि काश लोग जैसे दिखते हैं वैसे ही होते !!

काश अशोक शोभा से सच्चा प्यार करता !!

क्या वह अपने बेटे से भी प्यार का दिखावा कर रहा हैं ??

जब कभी बेटे को सच्चाई का पता चलेगा तो क्या होगा ??

काश अशोक वक्त रहते सुधर जाए !!

उफ्फ यह काश तो खत्म ही नही हो रहा …………

संजना का दिमाग खुद से ही बहुत सवाल पुछे जा रहा था जिसके जवाब संजना भी नही जानती थी !!

दोस्तों , अक्सर लोग जैसे दिखते हैं वैसे होते नही हैं और इसी वजह से ना जाने कितनी जिंदगियाँ बर्बाद हो जाती हैं !!

दोस्तों आपको मेरी रचना कैसी लगी कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें तथा मेरी अन्य रचनाओं को पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करें !!

#दोहरे_चेहरे

आपकी सखी

स्वाती जैन

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