आयुर्वेद में शिलाजीत का बहुत ज्यादा ही महत्व है यह एक ऐसी औषधि है जो कई सारे बीमारियों में हमें फायदा पहुंचाती है, शिलाजीत खास करके हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है । सूर्य की तेज गर्मी से हिमालय की चट्टान के धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है इसी पदार्थ को हम शिलाजीत कहते हैं। शिलाजीत मुख्य चार प्रकार का होता है और सब के अलग-अलग गुण और लाभ होते हैं. शिलाजीत का स्वाद करेले से भी कड़वा और देखने में काला होता है। इन सबके बावजूद शिलाजीत बहुत ही फायदेमंद होता है।
⇒ अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर हो तो शिलाजीत का प्रयोग कर अपने ब्लड प्रेशर को आप नॉर्मल कर सकते हैं शिलाजीत के लगातार प्रयोग से आपके शरीर का रक्त शुद्ध होकर आपके नसों में रक्त संचार को बढ़ा देता है।
⇒ शिलाजीत दिमागी ताकत बढ़ाने में बहुत उपयोगी है जिन लोगों की याददाश्त कमजोर हो जाती है उनको रोजाना एक चम्मच दूध और मक्खन के साथ शिलाजीत का सेवन करने चाहिए इससे आपकी याददाश्त और आप दिमागी रूप से थक जाते हैं यह दोनों पहले से तेज हो जाता है।
⇒ शिलाजीत के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं अगर आप शिलाजीत का सेवन सुबह शाम दूध और शहद के साथ करेंगे तो आप कई तरह के इंफेक्शन के खतरों से बच जाएंगे।
⇒ अगर कोई व्यक्ति स्वपनदोष की समस्या से ग्रसित है तो उस व्यक्ति को शिलाजीत का प्रयोग करना चाहिए इसके लिए वह शुद्ध शिलाजीत, केसर, लौह भस्म और अंबर मिश्रित कर लेना होता है. इसका सेवन करने से शारीरिक क्षमता में तो सुधार आता ही आता है साथ के साथ ही स्टैमिना भी पहले से ज्यादा बढ़ जाता है. बढ़ती उम्र में भी आप जवानी जैसा महसूस करते हैं लेकिन यह याद रखें जब आप शिलाजीत का प्रयोग कर रहे हैं उस दौरान ज्यादा मिर्च मसाला और खटाई का प्रयोग अपने खाने में ना करें।
⇒ कई लोगों को ज्यादा बार टॉयलेट जाने की शिकायत होती है यानी कि वह बार-बार मूत्र विसर्जन करना चाहते हैं। यह एक बहुत गंभीर बीमारी है ऐसे लोगों को शिलाजीत, बंग भस्म और छोटी इलायची के दाने तथा वंशलोचन का समान मात्रा में मिश्रण बनाकर शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए. इससे आपका बार-बार मूत्र जाने की बीमारी से तो आपको आराम मिलेगा ही साथ के साथ आपके शरीर भी पहले से ज्यादा ताकतवर हो जाएगा।
⇒ शिलाजीत का मुख्य उपयोग मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है क्योंकि कई लोग बिस्तर पर जाते ही उनका वीर्यपात हो जाता है, ऐसे व्यक्तियों को 20 ग्राम शिलाजीत तथा बंग भस्म में 10 ग्राम लौह भस्म तथा 6 ग्राम अभ्रक भस्म मिलाकर खाने से उनको बहुत ही फायदा होता है इसके नियमित प्रयोग से उनका उपरोक्त समस्या पूर्ण रूप से दूर हो जाती है। यह हमेशा याद रखें कि जब भी आप शिलाजीत का प्रयोग अपने शरीर में कर रहे हैं उस समय मिर्च मसाला और खटाई आदि से दूरी बनाकर रखें।
⇒ जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रसित होता है उसके लिए शिलाजीत बेहद लाभकारी होता है अगर आप एक चम्मच शहद तथा एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत मिलाकर सेवन करेंगे तो आपका डायबिटीज हमेशा नियंत्रण में रहेगा।
⇒ हमारे आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को बढ़ती उम्र में भी जवान और जवानी जितना ताकत पाना है तो वह शिलाजीत का प्रयोग जरूर करें आप इसके लिए शिलाजीत अश्वगंधा सफेद मूसली को मिलाकर एक दवा तैयार की जाती है इस दवा के प्रयोग से आपके शरीर में अद्भुत रूप से ताकत आ जाता है।