
अपशकुन – पिंकी नारंग | Short Hindi Moral Story
- Betiyan Team
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- on Sep 20, 2022
बेटे मोहित की शादी को अभी कुछ वक़्त ही तो हुआ था और पति ललित का यूँ अचानक से चले जाना श्यामा तो टूट ही गयी थी।
अचानक हुए इस हादसे ने मृदुभाषी श्यामा को इतना कठोर बना दिया था की कड़वाहट और तल्ख़ी उसके जीवन के साथ उसके व्यक्तित्व और जुबा का हिस्सा भी बन गयी थी।
बेटा मोहित और बहु अनु उसके दर्द को समझतेऔर उसकी बातों का बुरा ना मानते।श्यामा के बचपन की सहेली आज जैसे ही श्यामा के घर आयी वो उससे लिपट कर फूट फूट कर रोने लगी।सुषमा उसे दिलासा देते हुए उसके आँसू पोंछते हुए कहती जा रही थी “ अब बस भी करो श्यामा रो रो कर अपनी तबियत ख़राब कर लोगी फिर भला कौन ध्यान रखेगा तुम्हारा।वैसे कहना तो नही चाहिए पर कुछ लोगों का घर पर आना ही अपशकुन होता है।
अब तुम ख़ुद समझदार हो अब अपना और मोहित का ख्याल रखना।चाय लाती अनु के कानो में भी सुषमा की बातों का ज़हर पहुँच गया था। वो धीरे से चाय की ट्रे रख कर कमरे से बाहर चली गयी।
श्यामा सुषमा के जाने के बाद आँख बंद करके लेटी ही थी की उसकी आँख लग गयी।तभी बहु अनु सहमी सी उसे आवाज़ देते हुए कह रही थी “ मम्मी जी खाना खा ले आपने दोपहर में भी कुछ नही खाया।”श्यामा ने आँखे खोली तो देखा अनु का चेहरा उतरा हुआ था ,रोने से उसकी आँखे लाल हो गयी थी।
श्यामा ने अनु से कहा”मेरे पास आओ बेटा।”
Moral Story In Hindi
अनु सहमी सी उसके पास आ कर बैठ गयी।”रो रही थी क्या?”श्यामा ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा।ससुर जी के जाने के बाद पहली बार इस ममतामय स्पर्श पा करअनु के आँसुओ के सारे बांध टूट गए और रोते हुए उसने श्यामा से पूछा “माँ क्या आप भी मुझे अपशुकनी मानती है।”
श्यामा ने उसे गले लगाते हुए कहा”तुम तो बेटी हो इस घर की और बेटियाँ तो लक्ष्मी होती है।”मै अपने दुख में इतनी डूब गयी की लोगों को मौक़ा मिल गया मेरी बेटी को कुछ भी कहने का।कोई यहाँ सदा के लिए तो नही आया जीवन तो चलने का नाम है।
पहली बार श्यामा ने मोहित और अनु के चेहरे पर सुकून देखा था।अपने दुपट्टे से पति की फ़ोटो को साफ़ करते आँसुओ के कुछ कतरे फ़ोटो पर गिर गए श्यामा हँसते हुए पति की फ़ोटो से कहने लगी”सुनो जी ये आख़िरी आँसू है आपको भी रोना पसंद ना था ना अब नही रोऊँगी बच्चों की ख़ुशियों में ही मेरी ख़ुशियाँ है।”
श्यामा अनु से कहने लगी बहु मेरा फ़ोन तो लाना ज़रा और सुषमा का नम्बर मिला कर उसे बोल रही थी”सुषमा तुमने अपशकुन वाली बात से याद दिला दिया मेरी बेटी अनु के कुछ शकुन अधूरे रह गए थे वो भी मैंने आज पूरे कर दिए।”
मोहित और अनु श्यामा से लिपट गए
पिंकी नारंग