एक बार फिर (भाग 31 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

प्रिया, शेखर से अलग हो कर उसको मिस करती है। जब वह मिलते हैं तो प्रिया उसको सॉरी कहती है

अब आगे-

शेखर का फोन बजा जो नाम फ्लैश‌ हुआ वो रिनी खन्ना का था।

शेखर ने फोन काट दिया।

वो प्रिया की तरफ देखने लगा। किसका फोन था???

तुम्हारी सौतन थी, बात कर लूं??? मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? आपकी मर्जी जो चाहें करें।

तुमसे शादी के बाद उसे घर ले आऊंगा, तो मुझसे शादी क्यों कर रहे हैं उससे ही कर लीजिए।

प्रिया के फेस पर मुस्कराहट थी।

तुम बहुत चालाक हो‌ जानती हो कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं।

पता नहीं करते भी हैं या बस ऐसे ही….

चैलेंज मत करो नहीं तो पछताओगी मेरी चाहत का अंदाजा लगाना है तो एक बार बाहों में आकर देखो शेखर ने उसकी बगल में खड़े हो कर धीरे धीरे से कहा।

शेखर का फोन वापस रिंग हुआ।

शेखर ने फोन प्रिया को दिखा कर स्पीकर पर डाल दिया।

हैलो!

हाय जानेमन कैसे हो???

शेखर माई लव, उस लड़की के लिए तुमने रिनी खन्ना को ठुकराया आखिर उसमें ऐसा क्या है ???

उसमें तुम्हारे जैसा कुछ नहीं है इसलिए मुझे वो पसंद है समझ सकती हो तो समझ लो।

शेखर ने एक हाथ प्रिया की कमर में डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसका माथा चूम लिया।

रिनी खन्ना, एक बात कान खोल कर सुनो तुम्हें मैंने काफी पहले छोड़ दिया था वजह तुम अच्छी तरह जानती हो।

अगर तुम मुझे समझती हो तो पता होगा कि मैं तुमसे नफरत करता हूं। एक वक्त था जब मुझे तुम्हारे सिवा कुछ नहीं दिखता था।

मेरी बीवी के बारे में मैं एक भी शब्द सुनना पसंद नहीं करूंगा।

फोन रखो क्योंकि तुम्हारा तो पता नहीं पर मेरा वक़्त बहुत कीमती है।

डार्लिंग! वो तुम्हारी बीवी अभी बनी नहीं है। जो कुछ मेरे पास है जब मैं उसे ये सब दिखाऊंगी तो तुम्हारी वो सो कॉल्ड बीवी तुम्हें अपनी जिंदगी से बेदखल कर देगी।

कह कर उसने फोन काट दिया।

शेखर ने प्रिया की तरफ देखा वो ध्यान से उसे देख रही थी।

वो परेशान दिख रहा था।

प्रिया ने उसके सीने पर हाथ फेरते हुए कहा, आप ठीक हैं???

सुना तुमने??? शेखर ने गुस्से से कहा, और तुम इसकी वजह से मुझे छोड़ना चाहती थी।

सेल्फिश्नेस और घटियापन का सबसे बड़ा एग्जांपल है ये लड़की।

अच्छा आप उसे रहने दें, मेरी बात सुनें, प्रिया ने धीरे से उसके गालों को छुआ आप मुझसे तीन दिन बाद मिले हैं और उसकी बात क्यों कर रहे हैं???

मैं उसकी बात नहीं करना चाहता।

आप उसे ब्लाक कर दीजिए।

मैं तुम्हारे लिए परेशान था इसलिए ब्लाक नहीं किया।

‌मुझे लगा कि अगर मैंने उसे ब्लाक किया तो वो तुम्हें परेशान करेगी।

प्रिया ने उसे चेयर पर बैठा दिया, शेखर ने उसके चेहरे को देखा, तुम परेशान तो नहीं हो???

नहीं भला मैं क्यों परेशान होऊंगी?

प्रिया ने उसे अपनी बांहों में भर कर उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा, ” शेखर! मैं आपके साथ हूं।”

वो छोटे बच्चे की तरह उससे चिपका हुआ था।

वो समझ रही थी कि पुरुष बाहर से बहुत स्ट्रांग दिखते हैं पर भीतर से बहुत इमोशनल होते हैं। वो जज्बाती हो कर हमेशा औरत का सहारा ढूंढते हैं। चाहे वह मां हो,या बहन, बेटी, पत्नी या फिर गर्ल फ्रेंड

प्रिया! “आई लव यू”

” लव यू टू शेखर”

चलिए अंदर चलते हैं।

नहीं मुझे ऐसे ही रहने दो शेखर ने उसे पकड़ कर कहा।

यही कोई दस मिनट बाद प्रिया ने कहा

चलिए न कोई देख लेगा।

दोनों अंदर आ ग‌ए।

समर ने शेखर की तरफ देखा शेखर के चेहरे से उदासी हट गई थी वो खुश नजर आ रहा था।

तुम एक पैग लोगे शेखर!

नहीं, मैडम ने मना किया है शेखर ने मुस्कराते हुए प्रिया की तरफ देखा।

प्रिया का चेहरा लाल हो गया।

समर‌ समझ चुका था कि पैचअप हो चुका है।

डिनर के बाद भी काफी बातें होती रही।

वापस सब लॉन में बैठ ग‌ए।

प्रिया ने अपने बालों को खोला और सैट करके क्लिफ लगाने लगी शेखर ने उसे इशारा करके मना कर दिया।

शेखर जिस तरह से प्रिया को देख रहा था उसे भांप कर प्रिया ने अपनी जगह बदल दी जिसे समर ने नोटिस किया।

भाभी इधर आएं, थोड़ी बात हमसे भी कर‌ लें।

प्रिया उससे कुछ दूरी पर बैठ गई।

समर ने शेखर को चिढ़ाते हुए कहा, भाभी शेखर जितना लकी है उतनी लकी आप नहीं हैं।

अगर आप लकी होती तो आपको शेखर से बैटर कोई मिलता।

प्रिया ने शेखर की तरफ देखा।

शेखर उठ कर उन दोनों के पास बैठ गया।

भाभी! ये तो एकदम बेवकूफ है आप नाराज थीं तो महाशय ड्रिंक करने को तैयार थे।

हम तो मिटने को तैयार बैठे हैं बस एक इशारा चाहिए शेखर ने बड़ी अदा से कहा,

तो प्रिया उठ कर खड़ी हो गई।

उसने समर से पूछा कॉफी पिएंगे आप???

हां कहने पर वह अंदर चली गई। समर शेखर की तरफ मुखातिब हुआ अब जनाब के क्या हाल हैं??

उसे खो देने से डरता हूं समर! उसके लिए मैं मेरे प्यार को बयां नहीं कर सकता।

रिनी ने अगर जहर उगला तो कहीं इसका इफेक्ट हमारे रिश्ते पर न पड़े।

भाभी समझदार हैं वो अपने और तुम्हारे बीच में किसी को नहीं आने देंगी।

इतने में प्रिया कॉफी लेकर आ ग‌ई।

दी ने कहा रंजन को कह देती वो कॉफी ले आता।

कॉफी पी कर समर और शेखर चले गए।

आज बहुत खुश नजर आ रही हो। दी ने उसकी तरफ

देखते हुए कहा।

नहीं दी ऐसी कोई बात नहीं है उसने जवाब दिया।

खुश रहना अच्छी बात है। अपने और शेखर के रिश्ते में हमेशा विश्वास रखना।

चलो आओ अब सोते हैं काफी रात हो गई है।

प्रिया अंदर आ गई। उसने खुद को मिरर में देखा तो उसे महसूस हुआ जैसे चेहरा खुशी से चमक रहा है।

वो सोचने लगी शेखर को खो देने के डर उसके ऊपर हावी हो गया था ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कि जिंदगी खत्म हो गई हो।

शेखर मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं शायद आपसे इम्पोर्टेंट मेरे लिए कुछ भी नहीं है उसने अपने आप से कहा।

वो कपड़े चेंज करके सोने की तैयारी करने लगी। चेहरे को क्लीन किया और खिड़की पर आकर बैठ गई।

आसमां का दामन सितारों से भरा हुआ था। दूर दूर तक आसमान में सुकून फैला हुआ था। ये सुकून शायद उसके दिलो-दिमाग में भी था काफी देर तक बैठने के बाद वह खड़ी उठी उसने पीने के लिए पानी लिया

तभी उसका फोन बजा।

देखा तो शेखर की कॉल थी।

उसके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई।

हैलो!

हां मैं बोल रहा हूं,

जी

तुम्हारी बहुत याद आ रही है।

अभी तो आप मिल कर ग‌ए थे।

तुम मेरी हालत नहीं समझ सकती।

जी,

क्या जी??? इसके अलावा भी बहुत कुछ होता है। जो तुम नहीं कहती। सुनिए अब मुझे सोना है कल सुबह ऑफिस जाऊंगी।

समझ लो शादी के बाद तुम्हारा वक्त सिर्फ मेरा होगा। इस वक्त को चुराने की इजाजत किसी को नहीं दूंगा।

जी, इसका मतलब आप काम छोड़ देंगे प्रिया ने धीरे से कहा।

हां सिर्फ तुमसे रोमांस करूंगा।

दादी की पड़पोते की ख्वाहिश तो पूरी करनी ही पड़ेगी।

प्रिया खामोश हो गई।

अब जी नहीं कहोगी?? वो जोर से हंस पड़ा।

गुड नाईट मैं अब सोने जा रही हूं।

“गुड नाईट मेरी जान” कह कर उसने फोन रख दिया। प्रिया अपने आप मुस्करा दी। शेखर! आपकी सारी इच्छाएं पूरी हों उसने हाथ जोड़कर भगवान जी से प्रार्थना की।

सुबह वह जल्दी से तैयार हुई अपने बालों को खुला रख कर उसनेे ऑफ व्हाइट कलर का सूट पहना कानों में मोती के इयरिंग्स पहने छोटी सी बिंदी लगाकर लुक कम्पलीट किया।

ऑफिस पहुंची तो सबसे पहले मिस्टर सुबोध राय से मुलाकात हो गई।

गुड मॉर्निंग सर!

गुड मॉर्निंग प्रिया! कैसी हो ? ठीक हूं सर

उन्होंने उसे सिर से पैर तक देखा, “लुकिंग गार्जियस”

थैंक्यू सर

तुम्हारी शादी तय हो गई है। “कांग्रेचुलेशन”

वैसे मुझमें क्या कमी थी?? ओह! अच्छा मैं राजशेखर बाधवा नहीं हूं इसलिए मुझे रिजेक्ट कर दिया गया उन्होंने तंज कसा।

प्रिया चुप रही। एनीवे मैं तुम्हारे अच्छे फ्यूचर के लिए प्रे करूंगा।

थैंक्यू सर

‌प्रिया अंदर ऑफिस में आ गई। उसने गहरी सांस ली उसे सुबोध राय की बातों का बुरा लगा था।

उसने अपना सिर झटक कर सामने टेबल पर रखी फाइल उठा ली।

कुछ फाइल्स चैक करते हुए ग्यारह बज गए।

चपरासी ने आ कर कहा मैम एक लड़की आपसे मिलने आई है।

क्रमशः

©® रचना कंडवाल

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