Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the ad-inserter domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/betiyan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the insert-headers-and-footers domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/betiyan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the post-views-counter-pro domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/betiyan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
मैं लिखूंगी अपनी किस्मत – Betiyan.in

मैं लिखूंगी अपनी किस्मत

रागिनी अपनी पांच बहनों में सबसे बड़ी थी। रागिनी के पिता जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह फैक्ट्री कोरोना  महामारी के दौरान बंद हो गई। बेटियों के जवान होते ही मां-बाप को  उनकी शादी की चिंता सताने लगती है। 

एक दिन रागिनी की मां सावित्री जी रागिनी के पापा बसंत जी से कह रही थी आपका काम भी छूट गया है सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी से जितना आप कमाते हैं उससे सिर्फ घर ही चल पाता है बेटियों की शादी कैसे होगी समझ नहीं आ रहा है जो कुछ भी सेविंग था इस कोरोना  महामारी  के दौरान वह भी खत्म हो गया। 

 अगर अभी से बेटियों की शादी करना शुरू नहीं करेंगे तो कब करेंगे पांच बेटियां हैं हमारी, बहुत चिंता हो रही है।  बसंत जी अपनी पत्नी को समझाते हैं तुम चिंता मत करो सावित्री, ईश्वर ने जब जन्म दिया है तो इनके लिए लड़के का भी इंतजाम किया होगा कहीं ना कहीं हमारी बेटियों की भी शादी हो ही जाएगी। 

रागिनी के माता-पिता आपस में बात कर ही रहे थे तभी दरवाजे पर किसी के आने की दस्तक हुई उन्होंने देखा कि रागिनी के मामा अचानक से आ गए।  रागिनी के मामा ने अपने दीदी और जीजा का  पैर छूते हुए कहा, “जीजा जी आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आया हूं। दरअसल बात यह है कि मैं जिस फैक्ट्री में काम करता हूं उसकी मालकिन कह रही थी सुधीर मेरे बेटे के लिए कोई लड़की ढूंढो मैं चाहती हूं लड़की बहुत सुंदर और गरीब घर की हो लेकिन संस्कारी होनी चाहिए।  फिर मुझे अपनी भांजी रागिनी का ख्याल आया और मेरे फोन में रागिनी का एक फोटो था मैंने अपनी मालकिन को दिखाया उन्होंने फोटो देखते ही रागिनी को पसंद कर लिया और उन्होंने फैसला कर लिया कि बहू बनेगी तो रागिनी ही वह इसी सप्ताह हमारी रागिनी से मिलने आ रहे हैं इसीलिए मैं फैक्ट्री से सीधा भागते हुए आपके घर आया हूं। 



 रागिनी के माता-पिता को यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि रागिनी के लिए इतने बड़े घर से रिश्ता आएगा।  लेकिन यह सच था। 

 संडे के दिन रागिनी के सास-ससुर रागिनी को देखने के लिए आए।  उसी दिन सब ने मिलकर शादी की तारीख भी तय कर दी अगले महीने शादी की तारीख तय हुई। 

 रागिनी दुल्हन बन अपने ससुराल पहुंच चुकी थी।  ससुराल के दहलीज के अंदर जब उसने कदम रखा तो उसकी आंखें इतने बड़े हवेली जैसे घर को देखकर चौंधीआ गई। उसे सब कुछ सपने जैसा लग रहा था उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी शादी इतने बड़े घर में होगी।  घर नौकर चाकर से भरा हुआ था। 

 कई बार तो उसका मन मानने को तैयार ही नहीं था कि वह इतने बड़े घर की बहू है। 

धीरे धीरे रागिनी अपनी ससुराल में घुल मिल गई थी रागिनी अपने ससुराल की चहेती बन गई थी सास ससुर भी उसे अपनी बेटी जैसे प्यार करते थे। 

ससुराल आए 1 महिना  बीत चुका था लेकिन उसने कभी इस बात पर नोटिस नहीं किया था कि लोग उसको छोटी बहू क्यों कहते हैं जबकि उसका पति तो इकलौता बेटा है। 

 आज उसने अचानक से जब नौकरों को कहते हुए सुना। मालकिन ने अपने बड़े बेटे से पहले अपने छोटे बेटे की शादी कर दी  क्या पता इस तरह का रिश्ता दोबारा मिले ना मिले आजकल लोग कैसे कैसे हो गए हैं पैसे के लिए अपनी बेटी तक को बेच देते हैं अभी छोटी बहू को ही देख लो इसके माता-पिता ने अपनी बेटी को पैसे के खातिर एक ऐसे लड़के से अपनी बेटी की शादी कर दी जिसकी एक ही किडनी है और  कब वह इस दुनिया को छोड़ कर चला जाए कहा नहीं जा सकता। 



 नौकरों की बात सुनकर रागिनी के पैरों तले जमीन ही खिसक गई सारे सपने एक पल में चकनाचूर हो चुके थे। अब रागिनी को बात साफ-साफ समझ में आ गई थी कि लोग उसको छोटी बहू क्यों कहते हैं। उसे यह भी समझ आ गया था कि उसकी सासू मां ने आखिर क्यों हमारे जैसे गरीब लड़की से शादी करने को तैयार हो गई थी। 

रागिनी को जब यह पता चला कि उससे कितना बड़ा झूठ छुपाया गया था उसके अंदर ज्वालामुखी फटने को तैयार था अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी। 

दोपहर होते ही वह अपने सासू मां के कमरे में गई और अपनी सासू मां से कहा, “मम्मी जी मुझे आपसे एक बात जाननी थी और मुझे उम्मीद है कि इसका जवाब आप सच सच देंगी  कुछ भी नहीं छुपाएंगी। आज मुझे गिरीश जी की बीमारी के बारे में जो कुछ पता चला है क्या यह सच है क्या उनकी एक किडनी खराब है।”  रागिनी की सासू मां समझ गई थी लग रहा है रागिनी को सब पता चल गया है  वो जानती थी  एक न एक दिन रागिनी को तो यह पता चलना ही था आखिर कब तक कोई इस बात को छुपा सकता था।  लेकिन रागिनी की सासु माँ ने स्थिति को संभालते हुए बोला हां बहू जो तुम्हें आज गिरीश के बारे में पता चला है वह सब कुछ सच है।  डॉक्टर के अनुसार मेरा बेटा गिरीश ज्यादा से ज्यादा 3 साल जीवित रह सकता है।  मैंने अपने स्वार्थ में आकर अपने बेटे गिरीश की शादी तुमसे करवाई थी।  एक मां होने के नाते मैं चाहती थी कि मेरा बेटा इस दुनिया से जाने से पहले अपनी गृहस्थी बसा ले। 

 शायद तुम्हारे साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है मैं अपने स्वार्थ में अंधी हो गई थी मैं माफी के काबिल तो नहीं हूं लेकिन फिर भी मुझे माफ कर दो बहू। बहू मैं तुम्हारी दूसरी शादी करवा दूंगी चिंता मत करो और जो भी आर्थिक मदद करना हो मैं करूंगी।  यह कह कर सासु माँ रोने लगी। 

 रागिनी कुछ देर सोचने के बाद अपनी सासू मां से बोली मम्मी जी शायद आप एक मां होने के नाते आपने जो किया वो सही किया लेकिन मेरे जैसी गरीब लड़की का ऐसे बड़े घर में रहना ही बहुत सौभाग्य की बात है।  लेकिन अब गिरीश जी मेरे पति हैं और मैं अपने जीते जी उन्हें मरने नहीं दूंगी मैं आज ही डॉक्टर से बात करूंगी मैं उन्हें अपने किडनी डोनेट करूंगी। 



 अगले दिन ही रागिनी गिरीश के डॉक्टर से मिली और अपना एक किडनी डोनेट करने की बात बताई डॉक्टर ने कहा रागिनी एक बार फिर से सोच लो इसके बाद तुम्हारी भी एक ही किडनी रह जाएगी।  रागिनी ने कहा, “डॉक्टर साहब जब मेरे पति ही नहीं रहेंगे तो मैं जिंदा रह कर क्या करूंगी।” 

 1 सप्ताह के अंदर रागिनी के सारे टेस्ट कराने के बाद फाइनली उसके पति गिरीश के साथ उसका किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया गया। 

 हॉस्पिटल से जब रागिनी और उसका पति गिरीश जब घर आए।  उसकी सासू मां ने दरवाजे पर अपने बेटे और बहू की आरती उतारी और अपने बहू से कहा, “सच में बहु तूने आज मेरा दिल जीत लिया और आज मैं अपने आप पर बहुत ही गर्व महसूस कर रही हूं कि तुम्हें इस घर की बहू बनाकर मैंने कोई गलती नहीं की।”

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!