वो सुनसान रात – कामिनी मिश्रा कनक
Post View 5,137 चारों तरफ अँधेरा ही अँधेरा , बादल और बिजली की आवाजे । दर्द से चीखती कमला तड़प रही थी अचानक ही कमला को प्रसव पीड़ा होती है । कमला घबरा जाती है , बहुत चीखती है , चिल्लाती है , दर्द से तड़पती है , अपने पास किसी को बुलाने की बहुता … Continue reading वो सुनसान रात – कामिनी मिश्रा कनक
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed