वजन – पिंकी नारंग

Post View 340 सुमित्रा के पाँव जमीं पर नही पड़ रहे थे,लग रहा था मानो शरीर के हर अंग से असंख्य पंख निकल निकल आए होऔर वो रुई जैसा हल्की हो कर बादलों में उड़ रही हो। आकाश को छूने जैसा अनुभव था,बिल्कुल पक्षियों जैसा।बंद आँखो से इस सपने को देखती तो भी ड़र जाती … Continue reading वजन – पिंकी नारंग