वापसी ( रिश्तों की) – रचना कंडवाल

Post View 2,336 मॉम अब मैं उस घर में वापस नहीं जाऊंगी। सुनिधि धम से आ कर सोफे पर बैठ गई। बरखा राय की लैपटॉप पर तेजी से चलती हुई उंगलियां थर्रा कर रुक गईं। उसने लैपटॉप बंद किया और आकर सुनिधि की बगल में बैठ गई। क्या हुआ मेरा बच्चा?? उसने उसका हाथ अपने … Continue reading वापसी ( रिश्तों की) – रचना कंडवाल