उम्मीद का दामन – निभा राजीव “निर्वी”
Post View 15,307 अपने आठ माह के बच्चे को गोद में लिए कमली ने एक बार फिर अपने खेतों को विवश आंखों से निहारा। बारिश के अभाव में शुष्क होकर मानो धरती का सीना फट गया था। जगह-जगह दरारें फटी हुई थी। कमली को ऐसा लगा मानो वे दरारें जमीन के साथ-साथ आंतों में भी … Continue reading उम्मीद का दामन – निभा राजीव “निर्वी”
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