सुखी बुढ़ापा -गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

Post View 18,544 शशिकांत जी पार्क से सैर करके वापस आए तो देखा कि उनकी माताजी आंगन में कुर्सी पर बैठी है। उन्होंने अपनी माता जी के चरण स्पर्श किए और उन्ही के पास दूसरी कुर्सी खिसका कर बैठ गए और उनका हाल चाल पूछने लगे। वे लगभग प्रतिदिन ऐसाही करते थे। तभी बच्चों की … Continue reading सुखी बुढ़ापा -गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi