समझौता – ज्योति अप्रतिम

Post View 256 उसे अपनी बच्ची के लिए स्कूल और स्कूल वालों से शिकायतें और शिकायतें रहतीं। कभी बस में सीट न मिल पाना ,कभी अत्यधिक भीड़ ,कभी किसी बच्चे की बोतल से चोट लग गई कभी बैग से !और चोट से कभी आँख में सूजन और कभी दाँत में चोट।   सुनते सुनते श्रीमती … Continue reading  समझौता – ज्योति अप्रतिम