समझौता या फर्ज – संगीता अग्रवाल
Post View 1,546 ” बेटा क्या सोचा है तूने अब क्या करेगी ?” दर्शना जी ने अपनी बेटी निशा से पूछा। ” सोचना क्या है मम्मी इस वक़्त जो मेरा फर्ज है वही पूरा करूंगी मैं !” निशा ने शांति से उत्तर दिया। ” लेकिन बेटा ये नौकरी …तुझे तो पता ही है नौकरी इतनी … Continue reading समझौता या फर्ज – संगीता अग्रवाल
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