सफर – उषा भारद्वाज

Post View 990 वो मुस्कुराते हुए कार में बैठ गयीं, कार चली गई ।  शिखा दूर जाती कार को एकटक देखते रही। उसकी आंखों के सामने अतीत की यादें चलचित्र बनकर घूमने लगी। वो धीरे-धीरे कदम बढ़ाने लगी और अपने घर आ गई। सीधे अपने कमरे में जाकर  लेट गयी। आंखों के सामने दीदी का … Continue reading सफर – उषा भारद्वाज