रिश्तो की डोरी टूटे ना – मनीषा सिंह। Moral Stories in Hindi
Post View 4,245 “शीतल—- तुम्हें मेरे जज्बात से खेलने का हक किसने दिया? मेरे साथ ये प्यार का नाटक किस लिए ? क्यों इतने दिनों से मुझे इस भ्रम में रखा कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब हूं जिसे तुम मिली थी? कहां गए तुम्हारे कसम, जो तुमने साथ जीने- मरने के खाए थे? मुझे … Continue reading रिश्तो की डोरी टूटे ना – मनीषा सिंह। Moral Stories in Hindi
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