परोपकार वर्सेज संस्कार – भगवती सक्सेना गौड़

Post View 833 सुजाता अस्पताल के बेड पर थी, अचानक उसने कहा, “अरे मैं यहां कैसे आयी?” तभी उसे आभास हुआ, सुकन्या बेटी उसका सिर सहला रही है, “हां, मम्मा, आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी पापा ने फ़ोन किया, तो रात को मैं आकर आपको यहां लेकर आयी। अब कैसा लग रहा … Continue reading परोपकार वर्सेज संस्कार – भगवती सक्सेना गौड़