प्रेम तेरे कितने रूप…. – शाहीन खान

Post View 1,056 आज ऑफिस में निशा से जब अनु ने पूछा  “और सुनाओ, इस बार गर्मियों में कहां घूमने जा रही हो? भई! तुम और सलिल तो अभी आज़ाद पंछी हो, जो मर्जी करो हमें तो बच्चों को देख कर चलना पड़ता है|” वह हंसकर टाल गई पर उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने … Continue reading प्रेम तेरे कितने रूप…. – शाहीन खान