परख अपनों की – मंगला श्रीवास्तव
Post View 5,121 अपने ही घर मे चार बेटें और बहुओं के बीच रहते हुएं भी सविता देवी आज अकेली पड़ गयी थी।अपने कठोर व्यवहार और रूढ़िवादिता के कारण। उस पर से उनकी एक आदत दुसरों की बातों में आना। वह अक्सर परिवार और अपने अड़ोसी पड़ोसी से घर की बाते करती और फिर वह … Continue reading परख अपनों की – मंगला श्रीवास्तव
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