Post View 1,012 अरे यह क्या… मैं तो यहीं हूँ फिर ये सारे प्रियजन इस तरह से मेरा नाम लेकर विलाप क्यों कर रहे हैं। ओह!! मैं तो जाग रहा हूँ फिर आँखें क्यों बंद हैं मेरी और कोई हरकत क्यों नहीं हो रही मेरे शरीर में… आभा यह सुहाग चिन्ह क्यों हटा रही हो … Continue reading मुक्ति और मोक्ष – कमलेश राणा
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