मुजरिम और सज़ा – डॉ कंचन शुक्ला Moral Stories in Hindi

Post View 1,360 ” उसके आंसू उसके दिल के दर्द को बंया कर रहे थे राजीव , इसलिए मैंने उसे ज्यादा कुरेदना उचित नहीं समझा” मुक्ता ने अपने पति राजीव को गम्भीरता से जवाब दिया।    ” मुक्ता तुम दिल की  अच्छी और मासूम हो सभी को अपने जैसा समझती हो यही वजह है तुम लोगों … Continue reading मुजरिम और सज़ा – डॉ कंचन शुक्ला Moral Stories in Hindi