मोगरे के फूल – रवीन्द्र कान्त त्यागी
Post View 572 किसी सीनेमाई प्रेमी प्रेमिका की तरह दरियाए लिद्दर को पार करके हम दोनों देवदार के घने जंगल में पहुँच गए हैं। एक छोटी सी जलधारा बर्फ के छोटे छोटे टुकड़ों को अपने साथ बहाती, पत्थरों से अठखेलियाँ करती हुई, अपनी बड़ी बहन लिद्दर में विलीन हो जाने को बेताब देवदार और चीड़ … Continue reading मोगरे के फूल – रवीन्द्र कान्त त्यागी
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