ममत्व की डोर – डॉ. पारुल अग्रवाल

Post View 27,136 अवनी अपने सपनों की दुनिया में खोई हुई थी, तभी मां ने झंझोड कर हिलाया और बोला उठ जा बेटा नहीं तो मेडिकल कॉलेज जाने में देर हो जायेगी। वैसे तो उसे अपनी नींद से समझौता करना गवारा ना था पर फिर भी कुछ बनने के एहसास ने उसको उठा ही दिया। … Continue reading ममत्व की डोर – डॉ. पारुल अग्रवाल