मैं ही क्यों * –  मधु शुक्ला

Post View 647 सुबह नम्रता जैसे ही बिस्तर त्यागती, उसकी पाँच महीने की बेटी रोने लगती। वह उसको गोद में लेकर घर के काम निवटाया करती थी। लेकिन फ्रेश तो उसको लेकर नहीं हो सकती थी। यह बात। कोई नहीं सोचता था। बल्कि जब वह अकेले होने पर रोती तो उसकी ननद और पति दोनों … Continue reading  मैं ही क्यों * –  मधु शुक्ला