माँ साथ थी – देवेंद्र कुमार

Post View 1,668 सरना सेठ ध्यानचंद का विश्वासी नौकर था। हर समय उनके आस-पास रहता क्योंकि उसे मालूम था कि न जाने कब आवाज पड़ जाए। उसे एक पल का भी आराम नहीं था, पर सरना को कोई शिकायत नहीं थी। एक दिन की बात, आकाश में बादल घिरे थे। सरना हवेली की छत पर … Continue reading माँ साथ थी – देवेंद्र कुमार