लगन – नताशा हर्ष गुरनानी

Post View 523 “पापा पापा आप ना मम्मा को कुछ कहते क्यो नहीं हमेशा मेरे साथ भेदभाव करती हैं। भैया के लिये हर चीज़ लेकर आती हैं और मेरे लिए कुछ नहीं”  “भैया के लिये सब कुछ और मेरे लिए कुछ भी नहीं” रोते रोते पीहू बोली “अरे अरे मेरी गुडिया रानी ऐसे रोते नही, … Continue reading लगन – नताशा हर्ष गुरनानी