” खुलने लगी गांठ ” – डॉ. सुनील शर्मा

Post View 171 शाम के पांच बजने वाले थे. सुमित दिन भर की फाइलें लेकर बॉस के केबिन में गया और हस्ताक्षर कराने लगा. कृष्ण कांत जी उसके बॉस अवश्य थे लेकिन बहुत ही अनुभवी तथा शालीन प्रकृति के थे. काम करने वाले कर्मचारियों की कद्र करते थे. आज भी पूछ बैठे ‘ कल तो … Continue reading ” खुलने लगी गांठ ” – डॉ. सुनील शर्मा