खामोशी –  नीलिमा सिंघल

Post View 5,282 लगभग 12/13 वर्षों के बाद गांव लौटा था। कुछ खास बदलाव नहीं था। हां,कुछ पक्के मकान अवश्य बन गए थे। बाजार जो पहले छोटा हुआ करता था,अब थोड़ा बड़ा हो गया है। हमारी पुरानी हवेली नुमा घर की शक्ल थोड़ी बदली बदली सी लग रही थी। परिवार के लोगों के चेहरों में … Continue reading खामोशी –  नीलिमा सिंघल