जैसी करनी वैसी भरनी – उमा वर्मा
Post View 24,413 सुबह से किसी काम में मन ही नहीं लग रहा था ।न जाने क्यो बार बार रोने का मन कर रहा था ।दोपहर का भोजन समाप्त कर के लेटी ही थी कि अजय का मोबाइल बज उठा ।अंतिम शनिवार के कारण अजय आज घर में ही थे।” कब,कैसे?” अजय ने कहा तो … Continue reading जैसी करनी वैसी भरनी – उमा वर्मा
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