हमनशीं (भाग 9) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post View 132 …. रफीक़ के अगले कुछ दिन सुहाना की यादों के सहारे ही गुजरे। कितना भी खुद को समझाने की कोशिश करे, पर मन तो मानने को तैयार ही न था। बुझे मन से ऑफिस जाना और वापस आकर अपने कमरे में बंद हो जाना। खाना भी अब वह अपने कमरे में ही … Continue reading हमनशीं (भाग 9) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi