हाथ में – कंचन श्रीवास्तव

Post View 981 कहते हैं, ‘ पुरुष शराब और शबाब के पुजारी होते हैं ।’ ये जहां मिले अच्छे अच्छों का मन डोल जाता है।हां सच भी है, यही कारण हैं कि चढ़ती उम्र के साथ उनके पैर कब डगमगा जाते हैं,पता ही नहीं चलता और अपने उद्देश्य से भटक जाते हैं। और जो संभलते … Continue reading हाथ में – कंचन श्रीवास्तव