हाँ…एक नया आगाज़ मैंने भी किया – संगीता त्रिपाठी

Post View 107,765 मठरी बनाने के लिये जैसे ही मैदे में पानी डाला घंटी की टुनटुन बजी कौन होगा सोचते मैंने आटा सने हाथों से दरवाजा खोला देखा पड़ोसी वर्मा जी और उनकी श्रीमती खड़ी थी। मैं अपने आटा सने हाथों को देख शर्मिंदा हो गई। एक मिनट भाभी मैं आई। अरे कोई बात नहीं … Continue reading हाँ…एक नया आगाज़ मैंने भी किया – संगीता त्रिपाठी