गुनाह – स्मिता सिंह चौहान 

Post View 10,816 पहले गा के दिखा या नाच के तब नेग दूंगा दिवाली का” दुकानदार निशा से बोला। “अरे सेठ, अपनी पूरी जिंदगी काट दी इस बाजार में। हम तो नाच गा के ही खाते हैं उम्र भर। हमें कौन सा कोई काम देता है जो हम भी तरीके से खाएंगे?” निशा बोली। “क्या … Continue reading गुनाह – स्मिता सिंह चौहान