दूसरों की गलतियों को माफ करना ही असली बड़प्पन है.

Post View 284  एक  सेठ के  2 पुत्र थे दोनों अब जवान हो चुके थे सेठ ने सोचा कि अपने दोनों पुत्रों का विवाह करअब वह इस मोह माया की दुनिया से अलग होकर सत्संग करेगा और अपना बाकी का जीवन मथुरा और वृंदावन में जाकर बिताएगा।   कुछ दिनों के अंदर ही बड़े धूमधाम से … Continue reading दूसरों की गलतियों को माफ करना ही असली बड़प्पन है.