एक सुबह ऐसी भी – विजया डालमिया  

Post View 277 तेज बारिश की आवाज से मेरी आँख खुल गई। देखा तो 5:00 बज रहे थे। बालकनी में अंधेरा था। सोचा चलो उठ ही जाते हैं। बरसते पानी में जब सब सो रहे हो अकेले यादों में भीगने का मजा ही कुछ और है। बस यही सोच कर उठी और लाइट की तरफ … Continue reading एक सुबह ऐसी भी – विजया डालमिया