“एक रिश्ता भरोसे का” – सरोज माहेश्वरी

Post View 12,818    भरोसा ! शब्द की पावनता, श्रेष्ठता को शब्दों में पिरो पाना अति कठिन है। यह भरोसा चाहें इंसान का खून के रिश्तों पर हो या इंसान का किसी अन्य इंसान पर हो….क्योंकि आज के युग में विश्वासघात और धोखे की जड़ें इतनी मजबूत हो गई है कि रिश्तों का कोई मोल नहीं … Continue reading “एक रिश्ता भरोसे का” – सरोज माहेश्वरी