एक देवरानी ऐसी भी  – मीनाक्षी सिंह

Post View 5,916 कविता सुबह से ही जोर जोर से बर्तनों की आवाज कर रही थी..यह रोज का था …छोटी देवरानी निक्की घर का कोई काम नहीं कराती थी …उसके ब्याह को अभी 8 माह ही हुए थे ….बेचारी कविता सोचती ये महारानी उठती हैँ…कुल्ला ,ब्रश करती हैँ …नहाती हैँ…नाश्ता किया …खाना लगाया…माँ जी के … Continue reading एक देवरानी ऐसी भी  – मीनाक्षी सिंह