डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -54)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

Post View 92 न जाने कितनी देर यूं ही हाथों में हाथ डाले हम बैठे रहे। लगा,  जैसे कभी भी इस ढ़लती – रंगीन शाम के बाद रात और फिर  सबेरा  नहीं हो।  तभी नैना ने मुझे कई नाटकों में शोभित के साथ  काम करने की बात बता कर हैरान कर दिया। हालांकि अंदर ही … Continue reading डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -54)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi