दर्द – गीता वाधवानी

Post View 1,372 अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी मृदुल स्वभाव वाली संध्या को कहीं ना कहीं यह आभास था कि उसका जीवन अब शेष नहीं है।  बिस्तर पर पड़े पड़े, उसे कुछ दिन पूर्व की बात स्मरण हो आई, जिस दिन उसके पति से उसकी छोटी सी बात पर कुछ कहासुनी हो गई थी और … Continue reading दर्द – गीता वाधवानी